विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट, अगली पीढ़ी भी बीमार कर देगा प्रदूषण, गर्भवती महिलाओं को जहरीली हवा से बड़ा खतरा…
भोपाल। प्रदूषण की जद में हम ही नहीं, हमारी आने वाली पीढिय़ां भी हैं। जहरीले हवा-पानी का सबसे ज्यादा असर हो रहा है गर्भवती महिलाओं पर। प्रदूषण के जरा भी संपर्क में आने पर गर्भ में पल रहे शिशु पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है। यह चौंकाने वाला खुलासा विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक शहरों में बढ़ता प्रदूषण आने वाली पीढि़यों के लिए भी खतरा है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण का असर भ्रूूण तक हो सकता है, ऐसे में कई पीढिय़ों तक यह असर पहुंचता है।
भोपाल के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.मनोज पांडे भोपाल गैस त्रासदी का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि करीब 32 साल पहले हुई त्रासदी का असर आज तक बना हुआ है। उन्होंने कैंसर के कई मरीज देखे हैं, जिनके दादा इस त्रासदी की चपेट में आए थे।
बंद कमरे में भी है प्रदूषण
वरिष्ठ श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. पीएन अग्रवाल के मुताबिक घर के अंदर की हवा भी खासी प्रदूषित होती है। गर्भवती महिलाएं ज्यादा समय घर में ही रहती हैँ, एेसे प्रदूषण से खतरा रहता है। प्रदूषण के चलते कई लोग बीमार होकर हमारे पास आते हैं।
बचने के उपाय
– घर, फैक्ट्री, वाहन के धुएं को सीमा में रखें।
– पटाखों का इस्तेमाल न करें।
– कूड़ा -कचरा जलाएं नहीं, नियत स्थान पर डालें।
– इधर-उधर न थूकें। थूकने के लिए थूकदान का इस्तेमाल करें।
– वायु प्रदूषण कानूनों का पालन करें।
– कार पूलिंग पर जोर दें
– स्वच्छ पानी जरूरी
– नालों, कुओं, तालाबों और नदियों में गन्दा न करें।
– सार्वजनिक जल वितरण के साथ छेड़छाड़ न करें।
– विसर्जन नियत स्थान पर ही करें।
– पानी बर्बाद न करें।
– जल प्रदूषण सम्बन्धी सभी कानूनों का पालन करें।