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ब्रिटिश डॉक्टरों ने पहली बार 16 महीने की बच्ची का कैंसर में किया कामयाब इलाज

Published: Nov 07, 2015 06:01:00 pm

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दुनिया में पहली बार लाइलाज माने जाने वाले ल्यूकेमिया कैंसर का कामयाब इलाज मुमकिन हुआ है।

दुनिया में पहली बार लाइलाज माने जाने वाले ल्यूकेमिया कैंसर का कामयाब इलाज मुमकिन हुआ है। लंदन में एक साल से ल्यूकेमिया कैंसर से पीड़ित बच्ची लायला रिचर्ड्स का डॉक्टरों ने कामयाब इलाज किया।

ल्यूकेमिया कैंसर दुनिया का पहला लाइलाज कैंसर है जिसका इलाज मुमकिन हो सका है। डॉक्टरों ने पीड़ित बच्ची लायला का इलाज डिजाइनर इम्यून थैरेपी से कामयाब किया। यह ऑपरेशन लंदन के ग्रेट स्ट्रीट आर्मन्ड अस्पताल में सफल हो सका।

लायला 14 हफ्ते की थी, तब डॉक्टर्स को पता लगा कि उसे कैंसर है। डॉक्टरों का कहना है कि यह बेहद चौंका देने वाला रिजल्ट है, जो हम लोगों ने कभी नहीं सोचा था। यह आने वाले समय में ल्यूकेमिया कैंसर के इलाज में कारगर कदम साबित हो सकता है।

layla

लायला की मां लिजा फोले जो कि एक डेंटल रिसेप्शनिस्ट हैं, बताती हैं, ‘डॉक्टरों ने कई बार इलाज के लिए सीमैटोथैरेपी और बोन मैरो ट्रांस्प्लांटेशन किया। लेकिन सात हफ्ते बाद बताया कि लायला का कैंसर बरकरार है।

इसके बाद डॉक्टरों ने एक्सपर्ट द्वारा विकसित एक नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी दी,कहा यह आखिरी तरीका है, इससे शायद लायला को नई जिंदगी मिल जाए।

डॉक्टरों ने दोबारा इलाज शुरू किया। इसके बाद बुलाया तो लगा कोई बुरी खबर होगी लेकिन ऑपरेशन पूरी तरह कामयाब। खुशी से हमारे आंखों में आंसू आ गए।’

डॉक्टरों ने इलाज के लिए बच्ची के इम्यून सेल में एक मिलीग्राम की एक जीन इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी लगाई। जिसका नाम यूकार्ट-19 है। इससे पहले इस टेक्नोलॉजी को केवल लैब में चूहे पर आजमाया गया था। लायला को ट्रीटमेंट के दौरान एक महीने तक अस्पताल में गुजारना पड़ा। लेकिन अब वह फिट होकर घर लौट चुकी हैं।
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