नई दिल्ली। यूएस की बाइक बनाने वाली हार्ले डेविडसन कंपनी अपनी पावरफुल और दमदार बाइक्स के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इस कंपनी की शुरूआत 1903 विलियम ए डेविडसन, विलियम एस हार्ले, वाल्टर डेविडसन और आर्थर डेविडसन ने की थी। इन 113 सालों में इस कंपनी अपनी बाइक्स को कई ऐसे बदलावों के साथ पेश जिससे प्रतिस्पर्धी इसके सामने टिक नहीं पाए। हार्ले डेविडसन अपनी बाइक्स यार्क, पेन्सिलवेनिया, विलवाउकी, विस्कॉन्सिन, कैनसास सिटी, मिसौरी, मनौस और बावल (भारत) प्लांट्स में बनाती है। इस कंपनी की सबसे सस्ती बाइक Harley Davidson Street 750 है जो भारत में भी उपलब्ध है। यहां हम आपको बता रहे हैं इस मशहूर कंपनी से जुडे ऐसे फैक्ट्स जिनसे आप अब तक अनजान थे।
मर्चेंडाइज भी करती है हार्ले डेविडसन
हार्ले डेविडसन अपने ब्रांड के तहत मर्चेंडाइज प्रोडक्ट की भी बेचती है जिनमें अपैरल, होम डेकोर और अर्नामेंट्स, एक्सेसरीज, टॉय, बाइक्स की स्केल फिगर और बाइक लाइन पर आधारित वीडियो गेम्स आदि शामिल है। इस कंपनी कमान अभी मैथ्यू एस लिवाटिस के हाथों में है और वो ही इसके प्रेसिडेंट एवं सीईओ हैं। इस कंपनी करीब 6000 एम्प्लॉयी काम करते हैं। हार्ले डेविडसन इंक की 2014 में नेट इनकम 79.55 करोड़ डॉलर थी।
1916 में शुरू किया था बाइक बनाना
हालांकि हार्ले डेविडसन की शुरूआत 1903 में हो गई थी लेकिन वास्तव में इसने बाइक बनाना 1916 में शुरू किया था। विलियम एस. हार्ले ने 4 इंच के फ्लाय व्हील के साथ 116 सीसी इंजन वाली बाइक बनाई थी। हालांकि 1920 तक हार्ले डेविडसन दुनिया की सबसे बड़ी बाइक बनाने वाली कंपनी नहीं बन पाई थी। लेकिन इसके बाद वह पावरफुल बाइक्स बनाने वाली टॉप कंपनी बन गई।
प्रथम विश्वयुद्ध में यूज हुई थी हार्ले बाइक्स
1917 में जब अमरीका प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ तो वहां की सरकार ने हार्ले डेविडसन की एक तिहाई बाइक्स खरीद ली थी। युद्धविराम खत्म होने के बाद हार्ले बाइक की सवारी करते हुए ही पहले अमरीकी सेना ने जर्मनी में प्रवेश किया था। 1920 के बाद हार्ले ब्रांड दुनिया के 67 देशों में गया और दुनिया का सबसे बड़ा बाइक ब्रांड बन गया।
आर्मी के लिए बनाया ट्वीन सिलेंडर इंजन
अमरीकी आर्मी की मांग पर ही हार्ले ने उनके बॉक्सर स्टाइल ट्वीन सिलेंडर इंजन बनाया। आपको बता दें कि हार्ले डेविडसन ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान 1941 से 45 तक केवल अमरीकन आर्मी के लिए ही बाइक्स बनाईं। कंपनी ने इस दौरान करीब 90000 बाइक्स बनाई। इसके बाद 70 का दशक आते-आते हार्ले पोर्श के डिजाइन किए गए नए और पावरफुल लिक्विड कूल्ड वी-4 इंजन के साथ मार्केट में आई।