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बिलासपुर

धान के बाद अब स्ट्राबेरी की खेती

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते है। विष्णु भोग, दुबराज जैसे चावल की तो बात ही निराली है। यहां के चावल में जो मिठास है वह मिट्टी व आबोहवा के कारण है

बिलासपुरJan 06, 2016 / 03:13 pm

Kajal Kiran Kashyap

After rice strawberry cultivation

After rice strawberry cultivation

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते है। विष्णु भोग, दुबराज जैसे चावल की तो बात ही निराली है। यहां के चावल में जो मिठास है वह मिट्टी व आबोहवा के कारण है और अब यहां पर प्रगतिशील किसान रोशनलाल स्ट्राबेरी की खेती कर स्ट्राबेरी में भी प्रदेश की मिट्टी की मिठास का स्वाद लोगों को चखाने का प्रयास कर रहे है।

अब धान का कटोरा स्ट्राबेरी जैसे फल की खेती के लिए अनुकुल है। रोशनलाल सूरजपुर के प्रगतिशील किसान है और वे कृषि में नए प्रयोग करते हुए आगे बढ़ रहे है साथ ही दूसरे कृषकों को भी इस कार्य में सहयोग करते हुए उन्हें प्रोत्साहित कर रहे है। स्ट्राबेरी की खेती की शुरुआत सूरजपुर से की थी
strawberry cultivation





























और अब अपने मित्रों को भी इसकी खेती के बारे में जानकारी देते हुए उनके फार्म हाउस में स्ट्राबेरी की खेती करा रहे है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की आबोहवा स्ट्राबेरी के अनुकुल है। उनका कहना है कि सूरजपुर से जशपुर तक स्ट्राबेरी की खेती महाबलेश्वर सी हो सकती है। बस किसानों के आगे आने की देर है।

बिलासपुर व शिवनाथ नदी के किनारे हो रही है खेती

रोशनलाल ने अपने दो साथियों को स्ट्राबेरी की खेती के विषय में जानकारी दी। बिलासपुर में बजरंग केडि़या के आम के उद्यान में और डॉ.अशोक अग्रवाल के दगौरी के फार्म हाउस में अपने आदमी के साथ लाकर स्ट्राबेरी अक्टूबर में लगवाई और बीच-बीच में निरीक्षण भी करते है। अब दोनों ही जगह स्ट्राबेरी की फसल हो रही है। जिसके अगले साल रकबा और बढ़ जाएगा।
strawberry






















कछारी मिट्टी में होती है अधिक मीठी
स्ट्राबेरी की खेती के विषय में उन्होंने बताया कि इसकी खेती के लिए प्रदेश की मिट्टी अनुकुल है। खास तौर पर कछारी मिट्टी में इसी खेती अच्छे से होती है और इसमें उगाए गए स्ट्राबेरी अधिक मीठी होती है। इसके साथ ही 40 डिग्री सेल्सियस तक इसकी पैदावार होती रहती है।

कार्य के लिए मिला है सम्मान
रोशन लाल सूरजपुर के किसान है कृषि कार्य को बेहतर तरीके से करते हुए अधिक से अधिक उपज के लिए प्रयास कर रहे है। साथ ही दूसरों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित कर है। उन्हें कृषि के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए छत्तीसगढ़ स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया है।
काजल किरण कश्यप

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