भिलाई नरबलि कांड के दो आरोपियों को फांसी एवं पांच को उम्रकैद
नरबलि का ये दिल दहला देने वाला मामला 2010 का है, जब भिलाई के रुआबांधा
क्षेत्र में तांत्रिक दंपती व अन्य आरोपियों ने तंत्र-मंत्र के नाम पर
मासूम मनीषा की बलि ले ली थी
बिलासपुर. भिलाई के बहुचर्चित नरबलि मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तांत्रिक दंपती को फांसी एवं अन्य 5 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। नरबलि का ये दिल दहला देने वाला मामला 2010 का है, जब भिलाई के रुआबांधा क्षेत्र में तांत्रिक दंपती व अन्य आरोपियों ने तंत्र-मंत्र के नाम पर मासूम मनीषा की बलि ले ली थी तथा घर के आंगन में ही उसे दफना दिया गया था। नरबलि की घटना के बाद जनाक्रोश भड़कने के भय से पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाई तथा सभी आरोपियों को धर दबोचा गया। निचली अदालत ने नरबलि जैसे जघन्य अपराध पर कोई रियायत नहीं बरतते हुए सभी 7 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
निचली अदालत से फांसी की सजा के बाद आरोपियों द्वारा हाईकोर्ट में क्षमा याचना लगाई गई। लंबे समय तक मामले में बहस चलने के बाद हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने तांत्रिक दंपती ईश्वरी यादव एवं किरण बाई के मर्सी पेटीशन को नामंजूर करते हुए फांसी की सजा बहाल रखी। साथ ही मामले के पांच अन्य आरोपी महानंद ठेठवार, सुखदेव यादव, हेमंत साहू, नेहालउ²ीन उर्फ खानबाबा तथा राजेंद्र महार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।