बिलासपुर-झारसुगड़ा चौथी लाइन को मिली मंजूरी
बिलासपुरPublished: Aug 25, 2016 12:18:00 pm
बिलासपुर से झारसुगड़ा तक चौथी लाइन को केंद्रीय कैबिनेट ने हरी झण्डी दे
दी है। इसके साथ ही अब बिलासपुर से होने वाली रेल परिचालन संबंधी
गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होगी
बिलासपुर. बिलासपुर से झारसुगड़ा तक चौथी लाइन को केंद्रीय कैबिनेट ने हरी झण्डी दे दी है। इसके साथ ही अब बिलासपुर से होने वाली रेल परिचालन संबंधी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होगी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को दपूमरे क्षेत्र में दो नई रेल लाइनों की मंजूरी दी है। इसके साथ ही दपूमरे क्षेत्र में राजनांद गांव से नागपुर (कालामना) तक तीसरी लाइन को भी मंजूरी मिली है। कैबिनेट की इकोनामिक अफेयर की बैठक बुधवार को हुई, जिसकी अध्यक्षता करते हुए प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर की कुल 8 रेल लाइन विस्तार परियोजनाओं की स्वीकृति दी।
छग ओडिशा लाइन में बिलासपुर से झारसुगड़ा ओडीसा तक 206 किलोमीटर चौथी लाइन बनाई जाएगी। इसके लिए 2,298.86 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसका कार्य पांच साल में पूरा होगा। वहीं दूसरी स्वीकृत हुई परियोजना में राजनांद गांव से नागपुर (कालामना) तक तीसरी लाइन है। 228. 3 किलोमीटर है। इसकी लागत 2,193.53 करोड़ है। इसकी कार्य अवधि भी पांच वर्ष निर्धारित की गई है। बिलासपुर रेल क्षेत्र में स्वीकृत उक्त दोनों परियोजनाएं मुंबई-हावड़ा रूट की है। बिलासपुर रेल परिचालन को उत्तर से पूर्व और पश्चिम को दक्षिण को जोडऩे वाला स्टेशन है। उक्त दोनों परियोजनाओं के पूरा हो जाने से यहां कोल इंडिया, पावर प्लांट सहित यात्रियों सुविधाओं में काफी इजाफा होगा।
वैसे भी रेलवे की व्यावसायिक दृष्टि से दपूमरे देशभर में सबसे ज्यादा माल का परिवहन कर सबसे अधिक राजस्व देने वाला जोन है। पिछले कुछ वर्षो में देखे तो क्षेत्र मंे रेल लाइन विस्तार में काफी तेजी आई है, चाहे वह बिलासपुर- रायपुर तक तीसरी लाइन का काम हो या फिर बिलासपुर-अनूपपुर तक लाइन के दोहरीकरण का काम हो। कुल मिलाकर कैबिनेट द्वारा स्वीकृत की गई क्षेत्र की दोनो परियोजनाओं का सीधा लाभ यात्रियों और यहां स्थापित उद्योग व व्यापारियों को होगा।