12 साल से ज्यादा पुरानी बसों को नहीं मिलेगा परमिट
अब तक माल वाहकों के कंडम होने की आयु- सीमा निर्धारित नहीं थी। इसके चलते
वर्तमान में अत्यंत पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इससे वायु व ध्वनि
प्रदूषण के साथ ही दुर्घटना भी बढ़ रही है।
बिलासपुर. स्कूली बसों के बाद अब अन्य यात्री बसों की उम्र घटाने की तैयारी चल रही है। इसके मुताबिक 12 साल से अधिक पुराने यात्री वाहनों को कंडम घोषित कर उन्हें सवारी ढोने के लिए परमिट नहीं दिया जाएगा। ट्रक सहित अन्य माल वाहकों की आयु 15 वर्ष निर्धारित की जा रही है। अब तक माल वाहकों के कंडम होने की आयु- सीमा निर्धारित नहीं थी। इसके चलते वर्तमान में अत्यंत पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इससे वायु व ध्वनि प्रदूषण के साथ ही दुर्घटना भी बढ़ रही है। जिले में ज्यादातर यात्री वाहन अत्यंत जर्जर हालत में हैं। कुछ वाहन तो बिना परमिट व फिटनेस के ही यात्रियों को ढो रहे हैं।
इनकी हालत इतनी खराब है कि खिड़कियां टूटीं या सीट फटी हुई और बॉडी जर्जर है। इनके टायर तक नहीं बदले जा रहे, जिससे हर समय हादसे की आशंका बनी हुई है। इनमें निर्धारित सीट से अधिक सवारी ढोए जा रहे हैं। दूसरे नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा। राज्य परिवहन विभाग ने इस संबंध में छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम 1994 में संशोधन के लिए प्रारंभिक अधिसूचना भी जारी कर दी है। इससे प्रभावित होने वाले लोगों से दावा-आपत्ति मंगाई गई है। प्रस्ताव के मुताबिक एक अगस्त 2017 की स्थिति में 12 वर्ष की आयु पूरी कर चुके यात्री वाहन कंडम माने जाएंगे, उन्हें परमिट जारी नहीं किया जाएगा। हालांकि निजी बस मालिक संघ इस नियम का विरोध कर रहा है।
जिले में सात सौ यात्री वाहन
जिले में बड़ी -छोटी मिलाकर सात सौ से अधिक यात्री वाहन चल रहे हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर अधिक पुराने यात्री वाहन चलाए जा रहे हैं, जिसकी जांच आरटीओ द्वारा भी नहीं की जाती। बस मालिक किराया तो पूरा ले रहे, लेकिन यात्रियों को वाजिब सुविधा नहीं दे रहे।