मास्टर प्लान की दावा-आपत्ति में चालाकी, वक्त एक महीने का, 20 दिन गुजर जाएंगे छुट्टियों में
बिलासपुरPublished: Dec 17, 2016 01:00:00 pm
ले-देकर जिस नक्शे के अवलोकन व दावा-आपत्ति के लिए एक महीने का समय दिया
गया उसमें कुलमिलाकर 10 दिन ही मिलेंगे जिसमे नागरिक अपनी आपत्ति दर्ज करा
सकेंगे।
गणेश विश्वकर्मा बिलासपुर. बड़ी मशक्कत के बाद शहर का मास्टर प्लान तैयार किया गया लेकिन नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के अफसर नहीं चाहते लोग अपनी जमीन के लिए सही वक्त पर आपत्तियां दर्ज करा सकें। यही कारण है कि मास्टर प्लान से संबंधित नक्शे जिस दिन चस्पा किए गए उस दिन से लगातार तीन दिन छुट्टियां रहीं। उसके बाद एक दिन के लिए दफ्तर खुला तो जिम्मेदार अफसर 13 दिनों के अवकाश पर चले गए। इसके बाद क्रिसमस, नववर्ष व रविवार की छुट्टियां हैं।
ले-देकर जिस नक्शे के अवलोकन व दावा-आपत्ति के लिए एक महीने का समय दिया गया उसमें कुलमिलाकर 10 दिन ही मिलेंगे जिसमे नागरिक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। विदित हो कि नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा बिलासपुर नगर निवेश क्षेत्र 2031 के प्रारूप का प्रकाशन 9 दिसंबर की शाम को किया गया। दावा-आपत्ति के लिए कार्यालय के सामने दीवारों पर संबंधित निवेश क्षेत्र के मानचित्र और छत्तीसगढ़ राजपत्र प्रकाशन की प्रतियां चस्पा की गईं। इसके तुरंत बाद दफ्तर बंद हो गया। इसके बाद 10 व 11 दिसंबर को शनिवार व रविवार को अवकाश रहा। तीसरे दिन 12 दिसंबर को ईद मिलादुन्नबी पर छुट्टी रही।13 दिसंबर को नगर एवं ग्राम निवेश का कार्यालय खुला, लेकिन उसी दिन संयुक्त संचालक संदीप बागडे़ 13 दिनों के अवकाश पर चले गए। अब वे 25 दिसंबर को लौटेंगे। इस बीच 17 व 18 दिसंबर को थर्ड शटर्डे और रविवार अवकाश में निकल जाएगा। इसके बाद फिर क्रिसमस और 1 व 8 जनवरी को रविवार अवकाश है। इस तरह दावा-आपत्ति के 30 दिनों में से 20 दिन तो लोग चाहकर भी न तो अवलोकन कर सकते, न ही दावा-आपत्ति पेश कर सकते। लॉनिंग में जिन जमीनों को आमोद-प्रमोद के लिए दर्शाया गया है। उनकी जमीन को लेकर कोई भी अफसर या कर्मी विभाग में संतोषजनक जवाब देने वाला नहीं है।
23 सौ आपत्तियों पर विभाग मौन
जिन 23 सौ लोगों ने जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों में अपने-अपने आवास बनाने के लिए करीब डेढ़ वर्ष पूर्व आपत्तियां लगाई थीं। उन आपत्तियों पर नगर एवं ग्राम निवेश विभाग कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
पड़ोसी जिले के अफसर को चार्ज, नहीं पहुंचे
संयुक्त संचालक संदीप बागडे़ ने पड़ोसी जिला जांजगीर-चांपा के नगर एवं ग्राम निवेश के अधिकारी को चार्ज दिया है। लेकिन उन्होंने चार्ज लिया, या नहीं। यह कार्यालय के कर्मचारियों तक को पता नहीं है। जांजगीर जिले के अफसर एक भी दिन संयुक्त संचालक कार्यालय नहीं पहुंचे।
36 गांवों के लोगों को पता तक नहीं
बिलासपुर निवेश क्षेत्र 2031 को लेकर जिन ग्राम पंचायतों को इसमें शामिल किया गया है। उन गांवों के लोगों तक मास्टर प्लान दावा-आपत्ति के प्रकाशन की सूचना तक नहीं पहुंच सकी है। विभाग ने प्रभावित गांवों में मुनादी कराना तक मुनासिब नहीं समझा।
999.8 हेक्टेयर कृषि भूमि बनेगी आमोद-प्रमोद स्थल
बिलासपुर के मास्टर प्लान में जिन ग्राम पंचायतों की भूमि को आमोद-प्रमोद क्षेत्र में शामिल किया गया है। वे सभी जमीन कृषि भूमि में है।
50 हजार लोगों से छलावा: मास्टर प्लान के नाम पर नगर एवं ग्राम निवेश विभाग लगभग 50 हजार लोगों के साथ सिर्फ छलावा कर रहा है। दिखावे के लिए एक माह का समय आपत्तियां लेने के लिए दिया गया है। लेकिन अफसर ही नहीं चाहते, कि लोग अपनी जमीन के लिए सही वक्त पर आपत्तियां कर सकें।