नसबंदी कांड: सीएमएचओ ने माना कानन का नसबंदी शिविर था अवैधानिक
बिलासपुरPublished: Mar 27, 2015 12:17:00 pm
कानन पेंडारी में आयोजित नसबंदी शिविर अवैधानिक था।
Bilaspur sterilization scandal
बिलासपुर. कानन पेंडारी में आयोजित नसबंदी शिविर अवैधानिक था। जिस स्थल पर शिविर आयोजित हुआ था, वह स्थल नसबंदी शिविर के आयोजन के लिए पूर्व से निर्धारित नहीं था। बाद में यहां आनन-फानन में शिविर आयोजित किया गया।
उक्त बातों का खुलासा नसबंदी न्यायिक जांच आयोग की सदस्य अनिता झा के समक्ष जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सूर्यप्रकाश सक्सेना ने किया। आयोग के न्यू कंपोजिट बिल्डिंग के भूतल स्थित कोर्ट रूम में गुरुवार को तीन व्यक्तियों को प्रतिपरीक्षण के लिए बुलाया गया था। आयोग की सदस्य की उपस्थिति में सबसे पहले सीएमएचओ डॉ. सूर्यप्रकाश सक्सेना का प्रतिपरीक्षण कानूनी मार्गदर्शन केंद्र की अधिवक्ता सुधा ने किया।
फोरम फार फास्ट जस्टिस संस्था के प्रवीण भाई पटेल ने पीडि़तों में शामिल नसबंदी शिविर में ऑपरेशन कराने वाली ग्राम चोरभट्ठी खुर्द की दीपा यादव एवं ग्राम खजूरी नवागांव की सत्या लहरे के पति दिलीप लहरे का प्रतिपरीक्षण किया। आयोग के समक्ष सीएमएचओ का करीब तीन घंटे तक प्रतिपरीक्षण चला। न्यायिक आयोग की सदस्य ने अगली सुनवाई के लिए ८ अपै्रल की तारीख तय की है।
आयोग सिर्फ पेंडारी मामले की कर रहा जांच
न्यायिक जांच आयोग ग्राम पेंडारी में आयोजित नसबंदी शिविर की जांच कर रहा है। आयोग में चालीस पीडि़ता व परिजनों समेत ५५ लोगों ने शपथपत्र पेश किया है। इनमें स्वयंसेवी संस्थाओं के शपथपत्र भी शामिल हैं।
13 महिलाओं की हुई थी मौत
कानन पेंडारी के नेमीचंद जैन धर्माथ ट्रस्ट में 8 नवबंर 2014 को नसबंदी शिविर आयोजित किया गया था। इसमें 85 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन किया गया। ये सभी महिलाएं ऑपरेशन के बाद गंभीर रूप से बीमार हो गई थी। इनमें से 13 महिलाओं की मौत हो गई।