वायु प्रदूषण मस्तिष्क के लिए भी खतरनाक
Published: Apr 26, 2015 07:15:00 pm
शोध में
ऎसे 943 वयस्क व्यक्तियों पर अध्ययन किया गया, जो अपेक्षाकृत स्वस्थ थे और जिन्हें
डिमेंशिया या दिल की कोई बीमारी भी नहीं थी
न्यूयॉर्क। वायु प्रदूषण की जद में लंबे समय तक रहने के कारण हमारे मस्तिष्क की संरचना में सूक्ष्म परिवर्तन हो सकता है, जो दिमाग की कमजोरी या डिमेंशिया जैसी बीमारी का जोखिम बढ़ा सकता है। एक ताजा अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। बेहद सूक्ष्म कणों से युक्त वायु प्रदूषण सबसे सामान्य वायु प्रदूषण होता है तथा इसे सर्वाधिक हानिकारक भी माना जा रहा है।
इस तरह के हानिकारक सूक्ष्म कण लकड़ी या कोयले के जलने, कार से निकलने वाले धुएं एवं अन्य स्त्रोतों से उत्सर्जित होते हैं। शोध की मुख्य लेखिका हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसीन इंस्ट्रक्टर एलिजा विल्कर के अनुसार, ायु प्रदूषण की जद में लंबे समय तक रहने से मस्तिष्क पर हानिकारक प्रभाव देखे गए, यहां तक कि निम्नस्तर के वायु प्रदूषण के मामले में भी। वृद्ध व्यक्तियों में यह जोखिम अधिक पाया गया और स्वस्थ व्यक्तियों में भी इसके हानिकारक प्रभाव पाए गए।
शोध में ऎसे 943 वयस्क व्यक्तियों पर अध्ययन किया गया, जो अपेक्षाकृत स्वस्थ थे और जिन्हें डिमेंशिया या दिल की कोई बीमारी भी नहीं थी। शोधकर्ताओं ने 1995 से 2005 के बीच दीर्घ अवधि में किए गए अपने शोध में मस्तिष्क पर दीर्घावधि तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने का प्रभाव जानने के लिए मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) का उपयोग किया। यह अध्ययन शोध पत्रिका “स्ट्रोक” के ताजा अंक में प्रकाशित हुई है।