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सेहत के लिए नुकसानदायक ब्रेड का सेवन, जानें ये खास बातें

Published: Jul 18, 2017 05:04:00 pm

भारत में बेकरी उत्पादों में इन पर रोक न लगी होने के कारण खूब इस्तेमाल हो रहा है। इन पर अब रोक लगाने की बात कही जा रही है। बे्रड शरीर में न्यूट्रीशन की पूर्ति नहीं करती है। इसे रोजाना नाश्ते का हिस्सा बनाना सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है।

Bread

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सुबह के नाश्ते से लेकर शाम के स्नैक्स तक में इस्तेमाल होने वाली बे्रड में हानिकारक केमिकल होने की बात सामने आई है। हाल ही सेंटर फॉर साइंस एंड एंवायरमेंट की जांच में बे्रड में कैंसर फैलाने वाले केमिकल पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट होने की पुष्टि हुई है। भारत में बेकरी उत्पादों में इन पर रोक न लगी होने के कारण खूब इस्तेमाल हो रहा है। इन पर अब रोक लगाने की बात कही जा रही है। बे्रड शरीर में न्यूट्रीशन की पूर्ति नहीं करती है। इसे रोजाना नाश्ते का हिस्सा बनाना सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है।

क्या बे्रड से दूरी बनाना जरूरी है?, बे्रड और रोटी (चपाती) दोनों गेंहू से बनती हैं तो फिर बे्रड से नुकसान क्यों?
जवाब : बे्रड को लंबे समय तक मुलायम, सफेद और फुलाने के लिए इन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, येे दिक्कत पैदा करते हैं। जबकि रोटी केमिकलरहित होती है इसलिए बे्रड के मुकाबले यह स्वास्थ्यवर्धक होती है।

क्या ब्राउन बे्रड और मल्टीग्रेन भी सेहत के लिए फायदेमंद हैं?
जवाब : सफेद बे्रड को ज्यादा सफेद और मुलायम बनाने के लिए अधिक केमिकल का इस्तेमाल होता है। जबकि ब्राउन बे्रड और मल्टीग्रेन में इनकी मात्रा कम होती है। इसकी जांच में भी पुष्टि हुई है। 

प्रतिदिन ब्रेड की कितनी मात्रा लेनी चाहिए?
जवाब : इसे रोजाना न लें। यह आंतों के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकती है। हफ्ते में इसकी 2 पीस से ज्यादा न लें। इसमें मौजूद नमक, चीनी और प्रिजर्वेटिव्स वजन बढ़ाने का काम करते हैं। 

बे्रड में मौजूद पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?
जवाब : पोटैशियम ब्रोमेट : यह जीनोटॉक्सिक कारसिनोजेन (ऐसा पदार्थ हैं जो कैंसर का कारण बनता है) की तरह काम करता है। यह आसानी से पचता नहीं है। लगातार बॉडी में इसकी मात्रा बढऩे से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। यह कैंसर कोशिकाएं बनने का खतरा बढ़ाने के साथ पेट के कैंसर, किडनी स्टोन का कारण बन सकता है। ऐसे में व्यक्ति को शुरुआत में उल्टी आना, डायरिया जैसे लक्षण सामने आते हैं। 
पोटैशियम आयोडेट : यह शरीर में रेडियोएक्टिव आयोडीन की तरह काम करता है और आयोडीन की मात्रा बढ़ाता है। यह एनर्जी का स्तर भी घटाता है। इसके लंबे इस्तेमाल से थायरॉइड कैंसर भी हो सकता है।

सब्जियों और फलों को शामिल करें
बे्रड, बर्गर या पाव से दूर ही रहना चाहिए क्योंकि ये हैल्दी नहीं होते हैं। अगर ले भी रहे हैं तो ब्राउन बे्रड लें। ब्राउन बे्रड में फिलिंग के लिए कटी हुई पत्ता गोभी, टमाटर, खीरा, ककड़ी व सेब प्रयोग कर सकते हैं। ये जरूरी पोषक तत्त्वों की पूर्ति करेंगे। 

ये हैं विकल्प
बे्रड की जगह पर पोहा, दलिया, फल, उपमा, इडली, स्प्राउट्स और साबुत अनाज ले सकते हैं। प्रोटीन के लिए अंडा, दूध व अंकुरित दालें और फाइबर के लिए फल, सब्जियां, सलाद लें।

नाश्ता है जरूरी
सुबह के नाश्ते में पूरे दिन की ऊर्जा का 20-25 फीसदी हिस्सा होना चाहिए।
हैल्दी बे्रकफास्ट मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीज, बीपी से बचाने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
शरीर में ब्लड ग्लूकोज और एनर्जी लेवल को मेंटेन रखने के लिए उठने के 2 घंटे के अंदर नाश्ता कर लें।

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