तनाव से बढ़ जाता है मौत का खतरा
Published: May 25, 2015 10:39:00 am
चिंता या
अवसादग्रस्त व्यक्ति की अप्रत्यक्ष रूप से लीवर की बीमारी से मौत होने का खतरा
ज्यादा होता है
लंदन। हम आमतौर पर लोगों को कहते सुनते हैं कि तनाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। हाल में शोधकर्ताओं ने भी पाया कि अत्यधिक तनाव और चिंता के कारण लीवर की बीमारी से मौत होने का खतरा बढ़ जाता है। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के मस्तिष्क विज्ञान केंद्र में किए गए अध्ययन में मस्तिष्क और शरीर के बीच महत्वपूर्ण संबंध होने के सबूत मिले हैं।
अध्ययन की शीर्ष शोधकर्ता टॉम रूस ने बताया कि मानसिक तनाव से शरीर पर खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है। हम सीधे प्रभाव या कारण की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन इस अध्ययन से ऎसे सबूत मिले हैं, जिन पर विचार के लिए और अध्ययन जरूरी है। शोधकर्ताओं की टीम ने 1,65,000 से अधिक लोगों पर अध्ययन किया और उनसे मिलने वाले जवाब के जरिए उनमें मानसिक तनाव का अध्ययन किया। शोध कर्ताओं ने इसके बाद 10 वर्षो तक प्रतिभागियों के स्वास्थ्य पर नजर रखी और इस अवधि में इस बात की जांच की कि इनमें से किन प्रतिभागियों की मौत हुई और किस कारण हुई।
अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में अत्यधिक मानसिक तनाव के लक्षण थे, उनकी मौत अधिकतर लीवर की बीमारियों से हुई। अध्ययन में शराब सेवन, मोटापा, मधुमेह, सामाजिक-आर्थिक स्थिति जैसे कारकों पर भी विचार किया गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि इसका कारण अस्पष्ट है क्योंकि अभी तक मानसिक बीमारी और लीवर की बीमारी के बीच जैविक संबंधों का पता नहीं लगाया जा सका है। मोटापा और उच्च रक्त चाप जैसी दिल संबंधी बीमारियां भी लीवर की बीमारियों का आम रूप हैं, जिन्हें नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज के तौर पर जाना जाता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार इस तरह चिंता या अवसादग्रस्त व्यक्ति की अप्रत्यक्ष रूप से लीवर की बीमारी से मौत होने का खतरा ज्यादा होता है। स्वास्थ्य विज्ञान पर आधारित शोध पत्रिका गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के ताजा अंक में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है।