script

सेहत और शांति के लिए अपनाएं विपश्यना

Published: Apr 27, 2015 03:45:00 pm

सामान्य भाषा में विपश्यना सांस, विचार, भाव और क्रियाओं को जागृत स्वरूप में जानने
की क्रिया है

meditation

meditation

विपश्यना हालांकि कोई नया शब्द नहीं है लेकिन इन दिनों राहुल गांधी की वजह से यह चर्चा में है। लोगों का कहना है कि राजनीतिक अवकाश के दौरान राहुल ने विपश्यना की साधना की। विपश्यना एक विशिष्ट ध्यान साधना पद्धति है। सामान्य भाषा में विपश्यना सांस, विचार, भाव और क्रियाओं को जागृत स्वरूप में जानने की क्रिया है।

यह है प्रक्रिया
शांत भाव से आरामदायक मुद्रा में बैठकर साधक को सांसों के उतार व चढ़ाव पर ध्यान केंद्रित करना होता है। धीरे-धीरे बंद आंखों से अपनी ही सांसों की आवाजाही को जागृत भाव से महसूस करना होता है। आमतौर पर हम अधिकतर क्रियाओं को इसलिए कर देते हैं क्योंकि हमें वैसा करने की आदत पड़ चुकी होती है। यह साधना श्वसन जैसी महत्वपूर्ण क्रिया को जानने, समझने व महसूस करने की प्रक्रिया से प्रारंभ होती है और साधना के गहन स्तरों तक लेकर जाती है।

अहंकार होगा दूर
विपश्यना से अहंकार को दूर करने के बाद ही खुद को जानने का रास्ता खुलता है क्योंकि स्वयं को जानने के लिए सांसारिक उपलब्धियों के अहंकार की परत को मन से उखाड़ कर फेंक देना होता है।

ऎसे करें साधना
विपश्यना की साधना को प्रशिक्षित गुरू के निर्देशन में ही अधिक प्रभावोत्पादक माना गया है। विपश्यना की साधना के लिए अनुकूल स्थल, आरामदायक कपड़े और व्यक्ति का संकल्प सबसे आवश्यक माने गए हैं। व्यक्ति जिस मुद्रा में अपने को अधिक आरामदायक स्थिति में महसूस करे, उसी मुद्रा या आसन में बैठे। स्थान ऎसा हो, जहां बाहरी शोर उसकी एकाग्रता को भंग नहीं कर सके। लंबे समय तक साधना का संकल्प मन को कई बार बेचैन करता है इसलिए शुरूआत में कम समय के लिए साधना शुरू करे और धीर-धीरे उसी मुद्रा में अवधि को बढ़ाएं। आपको आश्चर्य होगा कि सार्थक साधना में ऎसा होता जाएगा।

ट्रेंडिंग वीडियो