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पश्चिमी जीवनशैली आंत के जीवाणुओं के लिए घातक

Published: Apr 18, 2015 08:48:00 pm

निष्कर्ष से इस बात का खुलासा हुआ कि जीवनशैली के कारण आंत के जीवाणुओं की
विविधता प्रभावित होती है

टोरंटो। अपनी पश्चिमी जीवनशैली पर भले ही आप गर्व महसूस करें, लेकिन इसका आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, आधुनिक जीवनशैली से हमारी आंत में स्वास्थ्यकर स्वाभाविक जीवाणुओं की कई प्रजातियां नष्ट हो जाती हैं।

कनाडा स्थित युनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के वरिष्ठ लेखक जेंस वाल्टर ने कहा, पश्चिमी जीवनशैली के कई सारे पहलू हैं, जो आंत के माइक्रोबायोम (जीवाणुओं) को प्रभावित करते हैं और उनकी विविधता में कमी लाते हैं।

वाल्टर ने उल्लेख किया, इनमें आहार, स्वच्छता तथा चिकित्सकीय गतिविधियां जैसे एंटिबायोटिक का इस्तेमाल व सीजेरियन ऑपरेशन शामिल है। लेकिन हम किस प्रकार माइक्रोबायोम को बदल रहे हैं, इसकी समझ की कमी है।

अध्ययन के लिए वाल्टर व उनके साथियों ने पापुआ न्यू गिनी के गैर औद्योगिक क्षेत्र के एक वयस्क व्यक्ति तथा अमेरिका के एक वयस्क व्यक्ति के मल से प्राप्त जीवाणुओं की तुलना की। शोधकर्ताओं ने अमेरिका की तुलना में पापुआ न्यू गिनी के व्यक्ति के मल में कई प्रकार के जीवाणु पाए।

वाल्टर ने कहा, निष्कर्ष से इस बात का खुलासा हुआ कि जीवनशैली के कारण आंत के जीवाणुओं की विविधता प्रभावित होती है। खासकर स्वच्छता व पेयजल संयंत्र माइक्रोबायोम को प्रभावित करने वाला बड़ा कारक हो सकता है। यह अध्ययन पत्रिका “सेल रिपोट्र्स” में प्रकाशित हुआ है।

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