नई दिल्ली। बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले प्रख्यात अभिनेता आमिर खान ने कहा कि वह संपूर्ण (परफेक्शनिस्ट) की जगह जोशीला (पैशनेट) कहलाना ज्यादा पसंद करेंगे। अपनी आने वाली फिल्म दंगल के प्रचार के लिए यहां पहुंचे आमिर ने कहा कि वह किसी टाइटल पर विश्वास नहीं करते क्योंकि ऐसे टाइटल से अनावश्यक दवाब बनता है। उन्होंने कहा कि वैसे भी मेरे लिये मिस्टर परफेक्शनिस्ट सही टाइटल नहीं है मुझे लगता है मैं जोशीला हूं । मेरे मुताबिक संपूर्णता जैसा कुछ होता ही नहीं, खासकर सिनेमा जैसे रचनात्मक क्षेत्र में तो यह संभव ही नहीं है। सिनेमा ऐसा माध्यम है जिसमें हमेशा कुछ कुछ नया सीखने की जरुरत होती है।
आमिर ने कहा कि संपूर्ण तो चांद भी नहीं, उस में भी दाग है। अगर सोने का गहना बनाना है तो उसमें भी कुछ मिलावट करनी होती है। इस लिये संपूर्णता नाम की कोई चीज सिनेमा में नहीं होती। लोगों ने और मीडिया ने मुझे यह नाम दे दिया है। आमिर ने कहा कि वह अपना शॉट सही तरीके से देना की कोशिश करते है। शूटिंग के समय तकनीकी बातों से ज्यादा ध्यान मैं भावनाओं पर देता हूं। अगर तकनीकी रूप से कुछ गडबड़ी होती है तो मेरे लिये वह परेशानी की बात नहीं।
आमिर ने कहा कि बॉक्स ऑफिस पर सफलता के इतर उनकी कोशिश हर तरह की फिल्में करने की होती है । उन्होंने कहा मैं यह नहीं सोचता हूं कि पिछली फिल्म से इस फिल्म को ज्यादा कमायी करनी चाहिये। एक बड़ी फिल्म करने के बाद मैं छोटी फिल्म करने को लेकर भी काफी सहज रहता हूं। थ्री इडियट जैसी बड़ी फिल्म करने के बाद मैंने तलाश में काम किया। सफलता-असफलता छोड कर मुझे जो फिल्म अच्छी लगती है मैं उसे करता हूं। रचनात्मक रूप से मैं अपने ऊपर दवाब नहीं आने देता हूं।
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