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राजस्थानी फिल्मकार ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ के खिलाफ अदालत पहुंचे

Published: Jul 18, 2017 12:36:00 pm

राजस्थानी फिल्मकार ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ के खिलाफ अदालत पहुंचे

akshay kumar

akshay kumar

नई दिल्ली। फिल्मकार प्रतीक शर्मा ने अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ की पंच लाइन और विषय पर आपत्ति जताते हुए अदालत का रुख किया है। प्रतीक का कगना है कि यह पंचलाइन और विषय उनकी फिल्म ‘गुटरुं गुटर गूं’ से लिया गया है।



इस मामले में प्रतीक ने प्लान सी स्टूडियोज के खिलाफ कॉपीराइट के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। इसके अलावा सात जुलाई को ‘वॉयकॉम-18’ के खिलाफ भी जयपुर मेट्रोपोलिटन अदालत में मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए 22 जुलाई तक जवाब मांगा है। ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ के निर्माताओं से जब संपर्क कर इस संदर्भ में प्रतिक्रिया मांगने की कोशिश की, तो उन्होंने किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।



प्रतीक ने कहा, ‘प्लान सी’ ने इसका निर्माण किया है और ‘वॉयकॉम-18’ निर्माता और प्रस्तोता के तौर पर काम कर रहा है। मेरी फिल्म में एक लाइन है ‘औरत शादी करके घर आती है और उसको टॉयलेट नहीं मिलता, बवाल होता है, अंत में पति उसको टॉयलेट बना कर देता है। इस पंक्ति के कारण वितरकों ने मुझे कहा कि ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ मेरी फिल्म की तरह ही है।’ प्रतीक ने ‘गुटरुं गुटर गूं’ 2015 में बनाकर पूरी की थी।

प्रतीक ने कहा कि उनके पास केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की ओर से उनकी फिल्म को रिलीज करने का प्रमाण पत्र है, लेकिन वितरण के लिए पैसों की कमी के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। फिल्मकार प्रतीक ने कहा कि घरों में शौचालयों की कमी को दर्शाने वाली फिल्म ‘गुटरुं गुटर गूं’ को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को दिखाया जा चुका है।

इसके अलावा, इस फिल्म को दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव, भारतीय फिल्मोत्सव मेलबर्न और राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव जैसे महोत्सवों में भी भेजा गया है। दो साल तक संघर्ष के बाद उनकी टीम फिल्म इस साल 28 जुलाई को फिल्म को रिलीज करने के लिए तैयार है। लेकिन, अब वितरकों ने यह कहकर हाथ पीछे खींच लिए हैं कि यह फिल्म ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ की तरह ही है। प्रतीक ने कहा कि उन्हें आशा है कि अदालत उनके साथ न्याय करेगी। उन्हें कानून पर भरोसा है।
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