फिल्म ‘वजह तुम हो’ के प्रमोशन के लिए शरमन के साथ एक्टर गुरमीत चौधरी, सना खान और डायरेक्टर विशाल पांड्या भी जयपुर आए
जयपुर। फिल्म से जुडऩे के लिए एक अच्छा डायरेक्टर और स्क्रिप्ट का होना जरूरी है, यदि ये दोनों ही परफेक्ट हैं तो एक्टर इसके अलावा कुछ नहीं देखते। डायरेक्टर का विश्वास एक्टर को डबल कॉन्फिडेंट बना देता है और दमदार स्क्रिप्ट परफॉर्मेंस को खास बना देती है। यह कहना है, एक्टर शरमन जोशी का। फिल्म ‘वजह तुम हो’ के प्रमोशन के लिए शरमन के साथ एक्टर गुरमीत चौधरी, सना खान और डायरेक्टर विशाल पांड्या भी जयपुर आए। शरमन का कहना था कि अब तक जो मेरी छवि बनी हुई थी, उसे यह फिल्म तोड़ देगी। पुलिस इंस्पेक्टर के किरदार ने मुझसे बहुत मेहनत करवाई है। यह मेरे लिए चैलेंज की तरह था, जिसे मैंने खूब एंजॉय किया है और फाइनली मेरे डायरेक्टर इससे खुश हैं।
घर का नाम ‘अजमेर निवास’
गुरमीत ने बताया कि राजस्थान से मेरा बहुत बड़ा कनेक्शन है, यहां साल में चार बार कम से कम अजमेर दरगाह पर चादर चढ़ाने जरूर आता हूं। मैं मन्नत नहीं, हमेशा थैंक्यू बोलने आता हूं। यहां से मुझे वो हर चीज मिली है, जिसके कारण आज मैं जाना जाता हूं। इसीलिए मैंने मुम्बई के घर का नाम ‘अजमेर निवास’ रखा है। ‘वजह…’ में मुझे इंटीमेट सीन करने को मिले। मैं इनके लिए कम्फर्टेबल नहीं था, लेकिन फिर भी सभी वन टेक सीन हैं। टीवी पर पिछले सात सालों में बहुत प्यार मिला है। बहुत फैन फॉलोइंग भी हो गई है। आज मेरी फिल्म का एक पोस्टर भी मार्केट में आता है तो वल्र्डवाइल्ड फैन इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं। एेसी फॉलोइंग के कारण फिल्म प्रोड्यूसर्स मेरा खूब फायदा भी उठाते हैं।
इमोशन और सोच को दबाकर ना रखें
सना ने कहा कि फिल्म में मेरा किरदार बोल्ड है और बहुत-से इंटीमेट सीन भी किए हैं। मेरे लिए बोल्ड का मतलब इमोशन और सोच को दबाकर नहीं रखना है और पूरी आजादी के साथ बिना बंदिशों के लाइफ को एक्सप्रेस करना है। जब यह फिल्म मुझे ऑफर हुई थी तो मैं किस सीन या बोल्ड सीन से नहीं डरी थी, इसके कॉन्सेप्ट ने मुझे हिला दिया था। टेक्नोफ्रेंडली के सवाल पर कहा कि मैं टेक्नोफ्रेंडली नहीं हूं, इसके लिए लिए मैं भाई-बहनों का सहारा लेती हूं।
नोटबंदी का फायदा मिला है
विशाल ने कहा कि इस समय पूरा देश नोटबंदी के कारण हिला हुआ है। बॉलीवुड पर भी इसका काफी असर पड़ा है। लोग अभी तक सिनेमाहॉल से दूरी बनाए हुए थे, जिसके कारण हमने दो दिसम्बर रिलीज डेट को 16 कर दिया। हमें दो हफ्ते और मिल गए और फिल्म के प्रमोशन में काफी समय मिल गया। यह नोटबंदी हमारे लिए फायदेमंद साबित हुई है। यह फिल्म हैकिंग से जुड़े मुद्दे पर आधारित है और हाल ही में राहुल गांधी का एफबी अकाउंट और पीएम नरेन्द्र मोदी की एप हैक हुई है, जिसके कारण हमारी फिल्म को भी प्रमोशन मिला है।
‘रंग दे बसंती’ के समय नाहरगढ़ पर काफी समय बिताया है। यहां के नेचर के साथ शहर की खूबसूरती को भी बहुत एंजॉय किया है। रात के समय जयपुर शहर को नाहरगढ़ से देखना अंतरिक्ष का फील करवा देता है। यह यादगार लम्हा आज तक जेहन में बसा हुआ है। – शरमन जोशी