एक्ट्रेस नहीं डॉक्टर बनना चाहती थी पूनम ढिल्लो
Published: Apr 18, 2015 08:50:00 am
कई फिल्मकारों ने पूनम से अपनी फिल्म में काम करने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने सारे प्रस्ताव ठुकरा दिए
बॉलीवुड में पूनम ढिल्लो ने अपनी दिलकश अदाओं से लगभग तीन दशक तक दर्शकोे को मंत्रमुग्ध किया लेकिन कम लोगों को पता है कि वह डॉक्टर बनना चाहती थी। पूनम का जन्म 18 अप्रैल 1962 को कानपुर में हुआ। वर्ष 1977 में पूनम को अखिल भारतीय सौन्दर्य प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का अवसर मिला जिसमें वह पहले स्थान पर रही। इस बीच पूनम के सौन्दर्य से प्रभावित होकर निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा ने अपनी फिल्म “त्रिशूल” में काम करने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने इस पेशकश को अस्वीकार कर दिया। बाद में एक पारिवारिक मित्र गार्गी ने उन्हें समझाया कि फिल्मों में काम करना कोई बुरी बात नहीं है। इसके बाद पूनम के परिजनों ने उन्हें इस शर्त पर फि ल्मों में काम करने की इजाजत दी कि वह स्कूल की छुियों के दौरान ही फिल्मों में अभिनय करेंगी।
पहली ही फिल्म रही सुपरहिट
“त्रिशूल” टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। इसके बाद कई फिल्मकारों ने पूनम से अपनी फिल्म में काम करने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने उन सारे प्रस्तावों को ठुक रा दिए, क्योंकि वह अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी। इस बीच उन्होंने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेना चाहा, लेकिन उनके बड़े भाई ने उन्हें हतोत्साहित कर दिया। इसके बाद पूनम की तमन्ना भारतीय विदेश सेवा में काम करने की हो गई और वह परीक्षा की तैयारी में जुट गई। वर्ष 1979 में यश चोपड़ा के ही बैनर तले बनी फिल्म “नूरी” में पूनम को काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म की कामयाबी ने न सिर्फ उन्हें बल्कि अभिनेता फारूख शेख को भी स्टार के रूप में स्थापित कर दिया। “नूरी” की सफलता के बाद पूनम ने यह निश्चय किया कि वह एक्ट्रेस के रूप में अपनी पहचान बनाएंगी।
कई फिल्में रही फ्लॉप
इसके बाद उन्हें “रेड रोज”, “निशाना” और राजकपूर के बैनर तले बनी फिल्म “बीबी और बीबी” में काम करने का अवसर मिला, लेकिन दुर्भाग्य से सभी फिल्में टिकट खिड़क ी पर असफल साबित हुई। इन फिल्मों की असफलता से पूनम ढिल्लो को अपना करियर डूबता नजर आया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपना संघर्ष जारी रखा। इस बीच उन्हें राजेश खन्ना के साथ फिल्म “दर्द” और कुमार गौरव के साथ फिल्म “तेरी कसम” में काम करने का अवसर मिला। इन फिल्मों की सफलता के बाद पूनम अभिनेत्री के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गई।
शादी के बाद बनाई फिल्मों से दूरी
वर्ष 1988 में पूनम ढिल्लों ने फिल्म निर्माता अशोक ठकारिया के साथ शादी कर ली। इसके बाद पूनम ढिल्लों ने फिल्मों में काम करना काफी कम कर दिया। वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म “विरोधी” के बाद उन्होंने लगभग पांच वर्ष तक फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म “जुदाई” से उन्होंने अपने करियर की दूसरी पारी शुरू की। वर्ष 1995 में पूनम ने दर्शको की पसंद को देखते हुए छोटे पर्दे का भी रूख किया और “अंदाज”, “किटी पार्टी” जैसे सीरियल्स में नजर आई। इन सबके साथ ही उन्होंने “बिग बॉस” के तीसरे सीजन में हिस्सा लिया, जिसमें वह तीसरे स्थान पर चुनी गई।
सामाजिक कार्य
फिल्मों में कई भूमिकायें निभाने के बाद पूनम ढिल्लों सामाजिक कार्यो में दिलचस्पी लेने लगी। उन्होंने शराब विमुक्ति, एडस और परिवार नियोजन जैसे कई सामाजिक कार्यो में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर समाज को जागरूक करने का प्रयास किया। पूनम ढिल्लों ने लगभग 70 फिल्मों में काम किया है। वे टीवी सीरियल “एक नई पहचान” में भी नजर आई।