बोस्टन। मैं सहिष्णुता शब्द के खिलाफ हूं। बर्दाश्त नहीं करें, एक दोस्त को स्वीकार करें। आप सबकुछ बर्दाश्त क्यों करें? यह एक विचार है कि या तो आप स्वीकार करें या नहीं स्वीकार करें? आखिर आप बर्दाश्त क्यों करें? यह कहना है मशहूर अभिनेता कमल हासन का। वे हार्वर्उ यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स अनौपचारिक बातचीत के दौरान ये बाते कहीं। गौरतलब है कि असहिष्णुता को लेकर चल रही बहस से खुद को अलग करते हुए जाने-माने अभिनेता कमल हासन ने कहा है कि देश को बंटने से बचाने के लिए सभी समुदायों को एक-दूसरे को स्वीकार करने की जरूरत है। हासन ने कहा कि, देश पहले ही अपने दो हाथ- बांग्लादेश और पाकिस्तान गंवा चुका है और अब सारे प्रयास एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि असहिष्णुता इसलिए है, क्योंकि आप इसे सहन कर रहे हैं। सहन नहीं करिए। मुस्लिमों या हिंदुओं को अपने सह नागरिकों की तरह स्वीकार कीजिए। उन्हें सहन नहीं कीजिए। यही सहिष्णुता की समस्या है। उन्हें स्वीकार कीजिए, क्योंकि आप अपने भारतीय झंडे से हरे रंग को बाहर नहीं निकाल सकते हैं। अन्य रंगों के बीच हरे रंग के धागों में बुने बिना बाजू के स्वेटर का जिक्र करते हुए हासन ने कहा कि यह एक स्वेटर की तरह है, जो पहले से ही हरे रंग के धागों से बुना हुआ है। आप इसे हटा नहीं सकते हैं। इसके बाद कोई स्वेटर बचा नहीं है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मेसाचुसेट्स इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सहित बोस्टन के आसपास उच्च शिक्षा ले रहे कई भारतीय छात्रों की तारीफ के बीच हासन ने कहा कि हम लोग पहले ही इस स्वेटर के बाजू गंवा चुके हैं-बांग्लादेश और पाकिस्तान जा चुके हैं। यह बिना बाजू का एक स्वेटर है, इसलिए इसे बनाए रखिए, क्योंकि ठंड लग जाएगी। हासन का यह जवाब एक छात्र के उस प्रश्न पर आया, जिसमें छात्र ने उनसे आमिर खान और शाहरुख खान जैसे कुछ चर्चित बॉलीवुड सितारों के असहिष्णुता के मुद्दे पर बोलने पर उनका विचार मांगा था। कई लेखक, कलाकार और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने भारत में हाल के दिनों में असहिष्णुता के मुद्दे पर चिंता जताई है, जिसके कारण असहिष्णुता पर बहस छिड़ गई।
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