scriptInterview: कपिल को पसंद है सुष्मिता सेन, फिल्म के बारे में की बात | Interview: Kapil talks about his new film 'Kis Kisko Pyar Karu' | Patrika News
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Interview: कपिल को पसंद है सुष्मिता सेन, फिल्म के बारे में की बात

कॉमेडी के बलबूते घर-घर पहचान बनाने वाले कपिल जल्द ही अब्बास-मस्तान की फिल्म “किस किसको प्यार करूं” में नजर आएंगे

Aug 26, 2015 / 04:35 pm

दिव्या सिंघल

kapil sharma1

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रोहित तिवारी, मुंबई। कॉमेडी की दुनिया में बुलंदियों पर पहुंच चुके कपिल शर्मा अब बड़े पर्दे पर भी नजर आने वाले हैं। कॉमेडी के बलबूते देश-विदेश में घर-घर पहचान बनाने में सफल रहे कपिल को निर्देशक अब्बास-मस्तान ने अपनी आगामी फिल्म “किस किसको प्यार करूं” से रूपहले पर्दे पर बेहतरीन मौका दिया है। इसी सिलसिले के दौरान कपिल ने फिल्म से हटकर अपनी निजी और रीयल लाइफ के बारे में काफी कुछ शेयर किया। पेश हैं राजस्थान पत्रिका में उसके कुछ दिलचस्प अंश-


आपकी फिल्म की यूएसपी क्या है?
इस फिल्म की खासियत यह है कि लोग जैसा मुझे देखना चाहते हैं, वैसा ही लुक मुझे दिया गया है। इसके अलावा पहले लोगों को आशंका थी कि अब्बास-मस्तान की फिल्म है तो मर्डर-मिस्ट्री टाइप ही होगी, लेकिन फिल्म का प्रोमो आते ही हमारे चाहने वालों के जहन से वह शंका भी क्लीयर हो गई। इस फिल्म को भी ऑडियंस का भरपूर प्यार मिलेगा, क्योंकि यह हमारे शो की तरह ही फैमिली के साथ देखने वाली मनोरंजक फिल्म है।




चार हीरोइनों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
(हंसते हुए…) इसकी खूबसूरती यही है कि बंदा न चाहते हुए भी चार हीरोइनों को साथ लेकर चलता है। हकीकत तो यह है कि बंदा चाहता नहीं है कि उसकी तीन बीवी और एक गर्लफ्रेंड हो, लेकिन वह जानबूझकर कुछ नहीं करता, बस उसके साथ एक्सिडेंटली ऐसा होता जाता है। अब जब हो ही रहा है तो वह किसी का दिल भी नहीं तोडऩा चाहता है। अपने प्यार को संभालने के साथ ही तीनों बीवियों को वह कैसे हैंडल करता है जैसा अनुभव मेरे लिए खास रहा। साथ ही इस फिल्म की यही खासियत और खूबी भी है।


एक कॉमेडियन के लिए रोमांस करना कितना मुश्किल रहा?
(थोड़ा अलग अंदाज में…) नहीं-नहीं… ऐसा तो कुछ नहीं है। राजस्थान में एक पेपर ने छाप दिया था कि मुझे शूटिंग के दौरान पसीना आया, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था। वहां पर गर्मी इतनी थी कि मुझे पसीना आ रहा था। (फिर, मुस्कुराते हुए…) वैसे भी यह तो अच्छी चीज है। हमें टीवी शोज में ऐसा करने का मौका नहीं मिल पाता है, जबकि इस फिल्म में रोमांस करने का भरपूर मौका मिला।


इस फिल्म को साइन करने का कारण क्या रहा?
(कुछ सोचते हुए…) हकीकत तो यह है कि पहले मुझे तीन फिल्में करनी थीं, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा संभव नहीं हो सका। वैसे भी टीवी पर प्रसारित हो रहे मेरे शो की वजह से मेरा किचन तो सेफ है। इसलिए अब मैं भी फिल्म भी ऐसी करना चाहता हूं, जो लोगों को पसंद आए। जैसे- ये तीन बीवियों और एक गर्लफ्रेंड वाला कॉन्सेप्ट नया है, कुछ इस तरह का ही। पहले तो मैं काम करता था, लेकिन अब मुझे कॉमेडी शो एक जिम्मेदारी लगने लगी है, क्योंकि इस शो से मुझे लोगों का भरपूर प्यार मिला है। इसी सिलसिले में जब मैं अब्बास-मस्तान से मिला तो उन्होंने कहा कि यह फिल्म मेरे पास काफी समय से पड़ी थी, क्योंकि मुझे इसके लिए एक कॉमेडी पर्सन चाहिए था, जिसकी टाइमिंग सटीक हो। फिर उन्होंने कहा कि मैं आपके शो का फैन हूं और यह फिल्म मुझे तुम्हारे साथ ही करनी है। यह बात सुनते ही मैंने सोचा कि इतने बड़े डायरेक्टर को मुझ पर भरोसा है तो भला मैं उन्हें न कैसे कर सकता हूं। बस, इस तरह से मैंने फिल्म का साइन कर लिया।




चलिए, अब फिल्म के बारे में कुछ बताइए?
इस फिल्म में मेरा नाम शिव राम किशन। मां ने मेरा नाम रखा है कि बेटा मुंबई में जाकर कुछ अच्छा करेगा और धार्मिक प्रवृत्ति का रहेगा। उसने मुंबई आकर इतनी तरक्की कर ली है कि वह एक बड़ी कंपनी का सीईओ बन गया है। बस, इसी नाम का फायदा उठाते हुए मैं तीन बीवियों और अपनी गर्लफ्रेंड को हैंडल कर पाता हूं।


क्या आपने कभी सोचा था कि आप इस मुकाम पर पहुंच पाएंगे, किसके जैसा बनना चाहते थे आप?
(सर जी…) किसी के जैसा तो बनना भी ठीक नहीं होगा। दरअसल, आज लोग एक चीज को बार-बार एक जैसे अंदाज और फ्लेवर में देख जरा भी पसंद नहीं करते। दुनिया में कुछ नया करने के लिए आपको लोगों से हटकर कुछ अलग करने की जरूरत होती है। इसके लिए इंडस्ट्री से मैंने काफी कुछ सीखा भी है। जब भी मैं बच्चन साहब को देखता हूं कि वे पर्दे पर कॉमेडी और रोमांस के साथ ही एक्शन भी करते हैं तो लगता है कि एक इंसान चाहे तो भला क्या नहीं कर सकता… खैर, अब्बास-मस्तान से भी बहुत कुछ सीखने को मिला। वे जितना दिखने में भोले लगते हैं, हकीकत में वैसे हैं नहीं। एक शॉट में जब मुझे हीरोइन के साथ दिखाना था तो वे ही बोलने लगे कि ऐसे नहीं, थोड़ा और खींचो, फिर बाहों में समेटकर गले से लगाओ… (हंसते हुए…) बड़े ही छिपे रुस्तम हैं वे।


आपने फिल्म में कितने गाने गाए हैं?
एक छोटे से सीन में गाना है, जिसमें मैं काफी झल्लाहट व टेंशन में दारू पीकर अपने दोस्त के साथ बैठा हूं तो गाना होता है। वह गाना भी पूरा नहीं है, बस छोटा सा एक पैरा है। इसके अलावा दूसरा डुएट सॉन्ग ” बोले बम-बम…” भी गाया है, जिसमें मेरा पूरा एक अंतरा है।


थ्रिलर मूवी की पहचान बना चुके निर्देशक अब्बास-मस्ततान कॉमेडी में कितना सहज रहे?
(हंसते हुए…) सर जी, यह भी थ्रिलर ही है, जिसकी तीन-तीन बीवियां हों, जरा सोचिए उसका क्या हाल होगा। बहरहाल, वे बेहतरीन डायरेक्टर्स हैं। उन्हें अपनी कहानी के साथ न्याय करना बखूबी आता है। इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता कि मर्डर-मिस्ट्री या थ्रिलर फिल्मों के अलावा वे कॉमेडी और रोमांटिक फिल्में नहीं बना सकते। उनके निर्देशन का लोग पहले की तरह इस बार भी तारीफ ही करेंगे… (सिर हिलाते हुए।)



इंडस्ट्री में आ रहे नए लोगों के बारे में आपकी क्या राय है और उन्हें नसीहत देना चाहेंगे।
इंडस्ट्री में सभी मेरे दोस्त हैं। आजकल कम्पटीशन के जमाने में सभी लोग मेहनती और जुझारू हैं तो सभी लोग अच्छा ही कर रहे हैं। मैं देखकर दंग रह जाता हूं कि लोग डांस सीख रहे हैं और घुड़ सवारी की टे्रनिंग ले रहे हैं, मेरे तो बस की बात ही नहीं है। रही बात नसीहत की तो भला मैं कौन होता हूं…


सुष्मिता सेन के शो के बारे में क्या कहेंगे?
जी… मैंने उनका शो देखा है, क्योंकि मैं उनका फैन हूं। वे बहुत अच्छी लगती हैं। खैर, यहीं पर एक खुलासा करना चाहूंगा कि उस शो में जितने भी लोग हैं, सभी मेरे साथ एक चैनल पर कॉमेडी शो में काम कर चुके हैं। उस शो में सभी मेरे दोस्त हैं।


आपके अनुसार कॉमेडी की दुनिया के पांच बड़े चेहरे कौन हैं?
सभी ही हैं…। (कुछ सोचते हुए) मित्तल साहब हैं और जॉनी भाई हैं, जिनसे मैं कभी मिल नहीं पाया। साथ ही लोग महमूद साहब को एक मंझा हुआ कॉमेडी स्टार मानते थे। अब्बास भाई की फिल्मों में जॉनी भाई रहते हैं। इस फिल्म में उनकी जगह उनकी बेटी जेमी लीवर है। इस तरह से कई लोग हैं… सर जी। 



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