scriptBirthday special: बॉलीवुड महानायकों की आवाज थे किशोर कुमार | Kishore Kumar sang for superstars of bollywood cinema | Patrika News

Birthday special: बॉलीवुड महानायकों की आवाज थे किशोर कुमार

Published: Aug 04, 2015 09:02:00 am

हिन्दी सिनेमा को संजीदगी के दायरे से बाहर निकाल कर खुशनुमा और जीवंत बनाने का श्रेय जितन…

kishore kumar

kishore kumar

हिन्दी सिनेमा को संजीदगी के दायरे से बाहर निकाल कर खुशनुमा और जीवंत बनाने का श्रेय जितना किशोर कुमार को जाता है, उतना किसी और को नहीं। मोहम्मद रफी, मुकेश और लता जैसे गायकों के बीच हिन्दी सिनेमा का डूडलिंग से परिचय कराने वाले किशोर कुमार बॉलीवुड के लगभग हर महानायक की आवाज बने।

आज ही के दिन 4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा में एक वकील के जन्मे किशोर कुमार मशहूर अभिनेता अशोक कुमार के छोटे भाई थे। अक्सर अपने कॉलेज की कैंटीन में बैठकर गाने वाले किशोर कुमार ने अपने गायकी करियर का आगाज देवानंद की फिल्म जिद्दी से किया। इसके बाद किशोर कुमार की कई फिल्में आई और चली गई परन्तु उन्हें सफलता नहीं मिली। इसी दौरान वर्ष 1957 में आई फिल्म फंटूश में दुखी मन मेरे गीत गाने का अवसर मिला जिसने किशोर कुमार को पहचान दी। इसके बाद कि शोर कुमार ने देवानंद सहित कई अभिनेताओं के लिए पाश्र्वगायन किया।

किशोर कुमार के भाग्य का सितारा 1969 में आई फिल्म आराधना से चमका। इसमें गाए गीत रूप तेरा मस्ताना के लिए उन्हें पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड भी दिया गया। किशोर न केवल गायक ही थे बल्कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कई फिल्मों में अपनी बेहतरीन अभिनय प्रतिभा से भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने फिल्मों का निर्माण, निर्देशन तथा संगीत निर्देशन भी किया और सभी में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

किशोर कुमार को आठ बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। किशोर कुमार अपने सनक व्यवहार के लिए भी प्रसिद्ध रहे। अक्सर निर्माता-निर्देशकों तथा पत्रकारों को उनके सनकीपन का शिकार होना पड़ता था।

वर्ष 1986 में उन्हें पहला हार्ट अटैक का दौरा पड़ा हालांकि समय रहते चिकित्सा सहायता मिलने से किशोर कुमार बच गए। परन्तु वर्ष 1987 में दुबारा हार्ट अटैक आने के कारण 13 अक्टूबर 1987 को 58 वर्ष की उम्र में उनका देहावसान हो गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो