कई शोधकर्ताओं व मुखर्जी समिति की Reports को आधार मानकर रची जा रही है ये फिल्म, जो गुमनामी बाबा के रहस्य से पर्दा ठाएगी…
कोलकाता। पिछले दिनों नेताजी सभाषचंद्र बोस से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक किए गए , लेकिन ये दस्तावेज भी उनके लापताहोने के रहस्य को उजागर करने में सफल नहीं हो सके। अब इन दिनों एक फिल्म चर्चा में है। खबर है कि यह बंगाली फिल्म इस रहस्य की पर्तें खोलने की कोशिश करेगी। यह फिल्म फैजाबाद के गुमनामी बाबा पर आधारित है, जिनके बारे में माना जाता है कि वही सुभाष चंद्र बोस थे।
गौरतलब है कि नेताजी पर आधारित कोई भी फिल्म 18 अगस्त, 1945 को हुए ताइहोकू विमान हादसे से आगे की कहानी को बयां नहीं करती है। माना जाता है कि इस विमान हादसे में नेताजी की मौत हो गई थी। फिल्मकार अमलान कुसुम घोष ने बताया कि उनकी नेताजी पर आधारित फिल्म संन्यासी देशोनायक क्वेस्ट फॉर ट्रूथ एंड जस्टिस नेताजी के फैजाबाद के बाबा के रूप में लौट आने की संभावनाओं को स्पर्श करेगी।
हालांकि निर्देशक का कहना है क वह बोस के लापता होने के रहस्य का कोई निष्कर्ष पेश करने नहीं जा रहे। घोष ने कहा, गुमनामी बाबा एक संभावना हो सकते हैं। यह बायोपिक नहीं, बल्कि यह डॉक्यू-फिक्शन है । हम किसी संभावना को खारिज भी नहीं कर रहे।
निर्देशक ने बताया कि गुमनामी बाबा बंगाली के अलावा बहुत अच्छी उर्दू, रूसी, हिंदी और अंग्रेजी भी बोल लेते थे और बड़ी संख्या में उनके अनुयायी भी थे। घोष ने कहा, इस विषय पर काम करना (बतौर बंगाली) मेरी जिम्मेदारी है। अब तक जो फिल्में बनी हैं, उनमें केवल 1945 तक की ही कहानी है। मुझे ताज्जुब होता है कि द फॉरगटन हीरो के निर्देशक श्याम बेनेगल समेत किसी भी निर्देशक ने नेताजी के विमान हादसे में जीवित बचने की संभावना को क्यों नहीं छुआ।
उन्होंने बताया कि इस शानदार शख्सियत के जीवन पर उन्होंने बहुत गहराई से शोध किया है। उन्होंने मुखर्जी समिति की रिपोर्ट समेत कई शोधकर्ताओं की रिपोर्ट देखी है, जिसे 17 मई 2006 को संसद में पेश किया गया था। फिल्म में विक्टर बनर्जी गुमनामी बाबी की भूमिका में हैं । शाश्वत चटर्जी भी आजाद हिन्द फौज के दिग्गज के रूप में दिखेंगे।