मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ओम पुरी का शुकव्रार को हार्ट अटैक के कारण 66 साल की उम्र में निधन हो गया। ओम पुरी का अब तक बॉलीवुड कॅरियर बहुत सक्सेसफुल रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि ओम पुरी असल जिंदगी में शांति की खोज में महात्मा बुद्ध के स्थान लुंबिनी जाना चाहते थे। इसको उन्होंने अपनी जिंदगी का एक मिशन बनाया था, लेकिन अचानक हुई मौत की वजह से उनका ये मिशन अधूरा रह गया।
लेकिन क्या आपको पता है कि रियल लाइफ में ही नहीं बल्कि रील लाइफ में भी उनका एक मिशन फेल हो गया था। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार वो मिशन कौनसा है? तो हम आपकों बता दें कि 1998 में रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘चाइना गेट’ में कर्नल पुरी के रूप में उनका मिशन फेल हो गया था। जिसके बाद उनको फौज से निकाल दिया गया था। इसके बाद एक दिन फिर अचानक से उन्हें एक मिशन का फोन आया।
मिशन था देवदुर्ग गांव को जगीरा के आतंक से बचाने का। जिसके लिए ओम पुरी ने एक झटके में हामी भर ली। इसके बाद ओमपुरी ने अपने पुराने फौजी साथियों को इसका निमत्रंण भेजा। एक के बाद एक उनके साथी इकट्ठा हुए और जगीरा को पकडऩे के लिए निकल पड़े। बता दें कि इस मिशन का हेड भी ओम पुरी उर्फ कर्नलपुरी को ही बनाया गया था।
इस मिशन के सक्सेसफुल होने के बीच उनके साथियों के बीच कई बार तरकरार हुई थी, लेकिन कोई भी इस मिशन से पीछे हटने को तैयार नहीं था। क्योंकि उनके मन में फौजी के रूप फेल हुए मिशन की ठसक बसी हुई थी। वो अपने ऊपर लगे डरपोक का दाग धोना चाहते थे। आखिरकार ओम पुरी के नेतृत्व में उनके फौजी भाईयों ने जगीरा को मारकर इस मिशन को सक्सेसफुल बनाया।