scriptJust The Way You Are: संजीव रंजन | Book Review: Just the way you are by Sanjeev Ranjan | Patrika News
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Just The Way You Are: संजीव रंजन

समीर और शगुन का किरदार अच्छा है, लेकिन कुछ अलग नहीं है, इस बुक को एक बार पढ़ा जा सकता है

Apr 08, 2015 / 01:08 pm

दिव्या सिंघल

प्यार के बारे में समझना जीतना मुश्किल है, उतना ही कठिन है उस सच्चे प्यार को पाना। अगर आपको अपना सोलमेट मिल भी जाए तो क्या वे जो दिखता है वो ही है या उससे कुछ अलग है। किसी इंसान की पर्सनैलिटी को समझना इतना आसान नहीं है और जब ये पर्सनैलिटी आपके रिलेशनशिप के बीच में आ जाए तो रिश्ते पर तलवार लटक ने लगती है। ऎसी ही कहानी है “Just The Way You Are

ये कहानी है समीर की, जिसे जिंदगी में अब तक सच्चा प्यार नहीं मिला है। प्यार के अहसास से महरूम समीर की लाइफ में शगुन एक चमकता सितारा बनकर आती है। शगुन से मिलकर समीर को लगता है कि वो अब तक जिसका इंतजार कर रहा था, वो लड़की शगुन ही है। दोनों की शादी हो जाती है, लेकिन शादी के अगले ही दिन समीर को अपनी ड्रीम जॉब के लिए पत्नी को छोड़कर स्विटजरलैंड जाना पड़ता है।

इसी दौरान शगुन के हाथ समीर की एक डायरी लगती है, जिसे पढ़कर समीर के कई राजों से पर्दा उठता है। डायरी पढ़कर शगुन को लगता है कि जिस समीर को वो जानती है, वे डायरी वाले समीर से बिल्कुल अलग है। क्या ये डायरी दोनों के रिश्ते को खत्म कर देगी या उसे और गहरा कर देगी, ये तो आपको बुक पढ़कर ही पता चलेगा।

संजीव की इस नोवल का कवर पेज बहुत अट्रेक्टिव है, लेकिन अगर बुक की बात की जाए तो ये किसी नॉर्मल लव स्टोरी जैसी ही लगती है। इसमें कुछ चीजों को छोड़ दें तो बुक आपको ज्यादा देर तक बांधे नहीं रख पाती है। शुरूआत में स्टोरी अपना प्लॉट छोड़ते हुए नजर आती है। समीर और शगुन का किरदार अच्छा है, लेकिन कुछ अलग नहीं है। बुक की भाषा सिंपल है। इस बुक को एक बार पढ़ा जा सकता है। अगर आपको कभी प्यार हुआ है तो आपको इसके कुछ हिस्से प्रभावित कर सकते हैं।

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