वाई द वड़ा सेलर रिफ्यूजड ए सेल: सतीश मंडोरा
बुक के राइटर ने इस नोवल से उन बातों को याद दिला रहे है, जो हम अपनी बिजी लाइफ के चलते भूलते जा रहे हैं
Why the Vada Seller Refused a Sale
जिंदगी में आगे बढ़ने की चाह में ऎसी बहुत सी चीजे हैं जो पीछे छूट जाती है। जो चीजे आपके लिए बहुत महत्व रखती थी, आज आपको उनकी कुछ खबर ही नहीं है। भविष्य को सुधारने के लिए लोग अपने आज को भूल जाते हैं और जिंदगी भागदौड़ में बीता देते हैं। इन्हीं बातों से रूबरू करवाती है सतीश मंडोरा की बुक “वाई द वड़ा सेलर रिफ्यूजड ए सेल”।
“वड़ा सेलर…” छोटी-छोटी सिंपल स्टोरीज का कलेक्शन है। जिनमें जिंदगी, काम और रिलेशनशिप में बेस्ट को पाने के बारे में बताया गया है। ये स्टोरीज लोगों की जिंदगियों से कहीं ना कहीं जुड़ी हुई है। इसमें हर स्टोरी एक अलग थीम पर बेस्ड है, जो एक quote के साथ शुरू होती है। बुक के राइटर सतीश ने इस नोवल से उन बातों को याद दिला रहे है, जो हम अपनी बिजी लाइफ के चलते भूलते जा रहे हैं।
बुक की थीम काफी अच्छी है, छोटी-छोटी स्टोरीज बोर होने से बचाती है। लेकिन कहीं-कहीं स्टोरी ढीली पड़ जाती है। वहीं बुक का टाइटल और कवर भी स्टोरीज से अलग लगता है। सतीश मंडोरा की ये बुक एक बार पढ़ी जा सकती है। ये बुक रूटीन नोवल से कुछ हटकर जरूर है, लेकिन राइटर इसे और अच्छा बना सकते थे।
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