script“सौगात” से मिली “छोटीकाशी” को राहत | "Gift" from the "Cotikashi" Relief | Patrika News
बूंदी

“सौगात” से मिली “छोटीकाशी” को राहत

बहुप्रतीक्षित टनल के शुरू
होते ही छोटीकाशी बूंदी शहरवासियों ने राहत की सांस ली है। मंगलवार को समूचे वाहन
टनल से ही गुजरे। शहर से निकल रही बायपास सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन ही नजर आए

बूंदीAug 26, 2015 / 12:43 am

शंकर शर्मा

Bundi photo

Bundi photo

बूंदी। बहुप्रतीक्षित टनल के शुरू होते ही छोटीकाशी बूंदी शहरवासियों ने राहत की सांस ली है। मंगलवार को समूचे वाहन टनल से ही गुजरे। शहर से निकल रही बायपास सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन ही नजर आए। ऎसे में सर्वाधिक राहत बायपास के आस-पास बसे लोगों को मिली। जहां दिनभर चिल्ल-पौ, धूल के गुबार उड़ते थे, वहां मंगलवार को लोग राहत की सांस लेते दिखाई पड़े।

शहर में बार-बार लगने वाले जाम से भी राहत मिल गई। वाहन चालकों का भी टनल से गुजरने में 30 मिनट का समय बच गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बूंदी के चित्तौड़रोड पर डाइट भवन से लगदरिया भैरू तक 1.076 किलोमीटर टनल को सोमवार शाम साढ़े छह बजे वाहनों के लिए खोल दिया था। टनल से करीब दो हजार वाहन निकले।

महंगी न पड़ जाए सेल्फी
टनल के शुरू होने की जानकारी मिलते ही मंगलवार को भी यहां मेला लगा रहा। कई दुपहिया वाहन चालक बीच राह सेल्फी लेते दिखे। जबकि टनल में दुपहिया वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया हुआ है। टनल पर लगे सुरक्षागार्डो ने बताया कि कई युवक टोकने के बावजूद नहीं मान रहे, जबकि यह किसी पर भी भारी पड़ सकती है।

जब भारी वाहन गुजरते थे तो रात की नींद उड़ जाया करती थी। कम्पन्न से घरों में रखे बर्तन गिर जाते थे। हर वक्त इस बात का डर रहता था कि कब ऊपर से वाहन लुढ़क आए। सोमवार की रात तो लगा जैसे किसी अन्य जगह पर हो।
मौलाना असलम, सदर, शहर वक्फ कमेटी, बूंदी

एक नम्बर को अंतिम रूप देने में जुटे
एक नम्बर टनल को भी कारीगर अंतिम रूप देने में जुट गए। इसके कुछ हिस्से में सड़क का निर्माण अधूरा है, जिसे सितम्बर माह में पूरा कर लिया जाएगा। निर्माण कम्पनी सूत्रों ने बताया कि एक नम्बर टनल और चित्तौड़ रोड पर बन रहा ओवरब्रिज का काम सितम्बर में पूरा कर लेंगे। इसके साथ ही टनल की दोनों लेन शुरू हो जाएगी।

बायपास पर निकलना मुश्किल रहता था। बच्चों को इस सड़क पर जाने से साफ मना कर रखा था। शहर के बीच से गुजर रही बायपास सड़क पर दिनभर वाहनों की कतार लगी रहती थी। टनल के शुरू होने से सर्वाधिक राहत विकास नगर के लोगों को मिली है।
शैलेष सोनी, विकास नगर निवासी

सड़क पर सूकून के पल दिखे। टनल के चालूू होने से दिनभर में गिने-चुने वाहन ही निकली। लोगों को इससे राहत मिली है, लेकिन हमारी परेशानी बढ़ गई। एक ही दिन में व्यवसाय ठप हो गया। दिनभर में मात्र दस वाहन चालकों ने खाना खाया। हालांकि अब इससे शहर का विस्तार होगा। सलीम, रेस्टोरेन्ट संचालक, बायपास, बूंदी

फ्लैश बैक
स्टेट टाइम के समय बनी बायपास सड़क पर टनल शुरू होने से पहले हाल यह थे कि रात आठ बजे बाद वाहन रेंग-रेंगकर गुजरते थे। सड़क दो लेन होने और किनारे क्षतिग्रस्त रहने व वाहन खराब होने से आए दिन घंटों जाम लगता था। सड़क से उड़ने वाले धूल के गुबार से बायपास के नीचे घरों पर धूल की परत जमी रहती थी। इससे सर्वाधिक यहां श्वांस रोगी परेशानी में रहते थे। वाहनों के दवाब से बायपास की दीवार कई बार दरक गई, वाहनों के नीचे गिरने से कई लोगों की जान चली गई और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। सोमवार शाम को टनल के शुरू होने से सर्वाधिक खुशी इन्हीं लोगो को हुई।

रात 12.01 बजे कटी पहली पर्ची
हिण्डोली से आगे किशोरपुरा गांव में बने टोल पर पहली पर्ची सोमवार रात 12.01 बजे कटी। टोल की शुरूआत एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर वैभव मित्तल, जीवीके प्रसिडेन्ट पंकज अग्रवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर विजय कुमार व शशिभूषण सिंह और भाजपा जिलाध्यक्ष शौकीनचंद्र राठौर ने फीता काटकर की। इसके साथ ही वाहन चालकों से टोल की वसूली शुरू हो गई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो