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चालीस पार नहीं पहुंचा पारा

locationबूंदीPublished: Apr 17, 2015 10:10:00 pm

अप्रेल माह में लू के थपेड़ों से
जहां लोगों को कूलर की आवश्यकता महसूस होने लगती थी, वहीं इस वर्ष लोगों को पंखे भी
नहीं सुहा रहे हैं

बूंदी। अप्रेल माह में लू के थपेड़ों से जहां लोगों को कूलर की आवश्यकता महसूस होने लगती थी, वहीं इस वर्ष लोगों को पंखे भी नहीं सुहा रहे हैं। गत कई सालों में पहली बार अप्रेल माह में तापमापी का पारा 40 का आंकड़ा पार नहीं कर सका है। लगातार बारिश होने से तापमान अधिकतम 36 डिग्री पर ही जाकर ठहर गया। वहीं मौसम में ठंडक बनी हुई है।

रोजाना शाम को बदल रहे मौसम और बारिश ने गर्मी के मौसम में सावन जैसा अहसास करा दिया है। तापमान बढ़ने का नाम नहीं ले रहा है। गत वर्ष के आंकड़ों से तुलना की जाए तो इस वर्ष अप्रेल माह में तापमान में 6 से 10 डिग्री की गिरावट है। जहां गत वर्ष अप्रेल माह में 5 तारीख को तापमापी का पारा 40 का आंकड़ा पार कर गया था, वहीं इस वर्ष तापमान 36 के ऊपर नहीं जा पा रहा है।

कूलर-पंखों की बिक्री पर पड़ा असर

हर साल मार्च माह में ही लोग कूलर पंखों की सार संभाल में जुट जातेे थे। वहीं अप्रेल में कूलर, पंखों व एसी की खरीद बढ़ रही थी। इस वर्ष बारिश ने इनकी बिक्री पर भी विपरीत असर डाला है। दुकानों में ग्राहकों का इंतजार हो रहा है, लेकिन मौसम के चलते दुकानदारी ठंडी चल रही है। दुकानदारों ने बताया कि अप्रेल माह में हर साल कूलर व पंखों की खरीद बढ़ जाती है, लेकिन इस बार मौसम के कारण ग्राहक नहीं आ रहे।

शीतल पेय पदार्थो से भी दूरी

मौसम में नमी व ठंडक के चलते शीतल पेय पदार्थो से भी लोगों ने दूरी बना रखी है, जबकि चाय, कचौडियों की दुकानों पर लोगों की भीड़ रहती है। अप्रेल माह में तापमान बढ़ने के साथ ही दुकानदार शीतल जल की व्यवस्था कर लोगों को बुलाकर पिलाने में जुट जाते थे। वहीं शीतल पेय पदार्थ पीने वालों की संख्या इतनी रहती थी कि इनकी दुकानों में बैठने की जगह नहीं मिलती थी। इस बार यह काम भी ठंडा पड़ गया है।
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