script25 साल बाद कुंडी भंडारे पर होगी मंथन | 25 years later, the latch will brainstorm on Bhandara | Patrika News

25 साल बाद कुंडी भंडारे पर होगी मंथन

locationबुरहानपुरPublished: Jan 16, 2017 12:24:00 am

Submitted by:

Editorial Khandwa

24 लाख रुपए की लागत से यहां पर विकास कार्य किया गया है। इसमें भंडारे की
सभी 103 कुंडियों पर सफाई की गई।इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाए रखने के लिए
निगम की ओर से बाइस्कोप लगाए जाने की योजना है।

burhanpur kundi bhandara 25 years later

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बुरहानपुर.पत्रिका. विश्व की एक मात्र जीवित जल प्रणाली की याद 25 साल बाद प्रशासन को आई है। इस जीवित जल प्रणाली को बचाने के लिए आठ विभाग की टीम मंथन करेगी।

मंथन से निकलने वाले तथ्यों के बाद इस पर काम शुरू होगा। विश्व की अद्वितीय भूमिगत जलप्रणाली कुंडी भंडारा में राज्य पुरातत्व विभाग ने तीन वर्ष पूर्व नहर की सफाई कराई थी। लेकिन अब भी भंडारे के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। 1992 में भू-जल वैज्ञानिक डॉ. आरके नेगी के नेतृत्व में एक दल ने कुंडी भंडारे के कैल्शियम की सफाई की थी, जिससे की इसका जल अनवरत सतपुड़ा की पहाड़ी से रीसता रहे।

वहीं दिसंबर 2014 में कुंडी भंडारे पर सफाई का काम पूरे आठ माह तक चला। 24 लाख रुपए की लागत से यहां पर विकास कार्य किया गया है। इसमें भंडारे की सभी 103 कुंडियों पर सफाई की गई।इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाए रखने के लिए निगम की ओर से बाइस्कोप लगाए जाने की योजना है।

महापौर अनिल भोसले ने कहा कि पर्यटक बाहर से ही इसे देख सके, ऐसी व्यवस्था करेंगे। वहीं भंडारे के पास एलईडी लगाकर लोगों को भंडारे के अंदर की तस्वीर दिखाई जाएगी। कैप्शूल लिफ्ट लगाकर बाहर से आने वाले विशेष पर्यटक, अफसर और खोजकर्ताओं को यह दिखाया जाएगा।
ये हैं वो पांच काम जो करना जरूरी
1 : कैल्शियम को संभालना
कुंडी भंडारा के अंदर कैल्शियम की परत जमा हो रही है। भंडारे के अंदर जहां से पानी का रिसाव हो रहा है, वहां पर कैल्शियम की चार इंच मोटी परत जमा हो गई है। यह परत बढ़ते ही जा रही है, यदि परत लगातार बढ़ती गई तो पानी का बहाव बंद होने का खतरा बढ़ा है।
2 :कुंडियों में डाल रहे कचरा
 कुंडी भंडारा की कुंडियां खुली हुई है। भंडारे की 108 कुंडियों में बमुश्किल 8 कुंडियां ढंकी हुई है, बाकी में बाहर से लोग कचरा फेंक जाते हैं। जिससे मिनरल वाटर से भी अधिक शुद्ध इसके पानी दूषित होता है। साथ ही भंडारे की केनाल भी ब्लॉक होने का खतरा है।
3: कुआं खुदाई पर प्रतिबंध
भंडारे के जल स्त्रोतों को हमेशा जागृत रखने के लिए पास लगी सतपुड़ा की पहाडिय़ों पर पौधरोपण किया जाना अति आवश्यक है। वहीं कुंडी भंडारा के आसपास के क्षेत्र कुओं की खुदाई, बोरिंग और ब्लॉस्टिंग पर प्रतिबंध लगना चाहिए। भंडारे में आने वाले पानी को कुएं रोक रहे हैं।
4: भारी वाहन प्रतिबंधित
कुंडी भंडारा पहुंच मार्ग पर 8 वर्ष पूर्व पक्की सड़क बना दी गई। यह सड़क उस जगह पर बनी है, जहां से भंडारे की नहर निकल रही है। भंडारे से 500 मीटर पर भारी वाहनों का प्रवेश रोक दिया है, लेकिन इसे चिंचाला वार्ड से ही रोका जाना चाहिए। ताकि भंडारा कहीं धंस न जाए।
5:आवश्यक होने पर नीचे उतारें
 भंडारा में अभी कलेक्टर ने धारा 144 लगा दी है, यह स्थाई तौर पर होना चाहिए,क्योंकि भंडारे के अंदर बहुत ही वीआईपी या शोध करने वालों को ही अंदर जाने की अनुमति होना चाहिए। सामान्य तौर पर नहीं जाने दिया जाना चाहिए। जिससे की यह धरोहर हमेशा के लिए बची रहे।
8 विभाग के अफसर करेंगे मंथन
कलेक्टर दीपक सिंह ने इस अद्भूत जल वितरण प्रणाली को बचाए रखने के लिए एक समिति बनाई है। इसमें आठ विभाग के अफसरों को शामिल किया है। भंडारा संरक्षण समिति में संयुक्त कलेक्टर एमएल आर्य, क्षेत्रीय प्रबंधक मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इंदौर के आरके गुप्ता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एके योगी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री एसके सोलंकी, शासकीय अधिवक्ता श्याम देशमुख, पुरातत्व इंदौर के उपसंचालक प्रकाश परांजपे, आयुक्त नगर पालिका निगम सुरेश रेवाल और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संरक्षण सहायक सुभाष कुमार शामिल है।
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