अब टेंशन फ्री हो जाए विद्यार्थी, एक विषय में फेल हुए तो भी कहलाएंगे पास
– 9वीं-10वीं के लिए सुविधा- पूरक परीक्षा का नहीं रहेगा टेंशन- प्रदेश में बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति लागू
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हरजीतसिंह, बुरहानपुर. 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है। अगर आप छह विषयों में से एक में फेल भी हुए तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं। क्योंकि आप इसके बाद भी आप पास कहलाएंगे। इसके लिए आपको पूरक परीक्षा से भी गुजरना नहीं पड़ेगा। राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बेस्ट फाइव पद्धति निकालकर यह नियम बना दिया है। इसी सत्र से यह लागू हो जाएगा।
विद्यार्थियों के सिर से पढ़ाई का बोझ सरकार लगातार हलका करती जा रही है। फेल होने वाले विद्यार्थियों के लिए रुक जाना नहीं योजना लाने के लिए अब बेस्ट फाइव पद्धति की शुरुआत की है। यह पद्धति सबसे पहले 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए लागू की है। इन कक्षाओं में सबसे अधिक ऐसे बच्चों को फायदा मिलेगा, जो किसी एक कठिन विषय को लेकर टेंशन में रहते हैं। कई बार ऐसा होता है कि वह सभी विषय में बेहतर नंबर लाते हैं और एक विषय में फेल होने के कारण उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
यह है बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति
स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2017-18 में बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति लागू कर दी है। जिन 6 विषयों में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा ली जाती है, उन में से बच्चा केवल पांच में पास हो रहा है, तो उसी के नंबर जोड़कर पास कर दिया जाएगा। जिसे बेस्ट फाइव पद्धति नाम दिया है। लेकिन सैद्धांतिक व प्रायोगिक परीक्षा दोनों में उत्तीर्ण होना जरूरी होगा। 7 जुलाई को माध्यमिक शिक्षा मंडल की बैठक में निर्णय लिया गया।
एक्सपर्ट व्यू-
कमजोर बच्चों का मनोबल बढ़ेगा
व्याख्याता राकेश दलाल ने बताया कि जारी आदेश से कमजोर बच्चों का मनोबल बढ़ेगा। शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को इससे अधिक फायदा होगा। पढ़ाई में किसी एक विषय में बच्चों के कमजोर होने से उनका पूरा रिजल्ट खराब हो जाता था और पूरक का नया टेंशन शुरू हो जाता था। लेकिन नए आदेश के बाद अब उन बच्चों को राहत मिलेगी।
इस वर्ष 1600 बच्चों को आई पूरक
इस वर्ष जिले में कक्षा 10वीं में करीब 1600 बच्चों को पूरक आई थी। उनकी परीक्षा हो चुकी है। इसमें 800 के करीब ऐसे बच्चें थे, जिन्हें सिर्फ एक विषय में ही पूकर आई थी। अगले वर्ष से ऐसे बच्चों को पूरक परीक्षा नहीं देना होगी। 10वीं में अंग्रेजी व गणित ऐसे विषय है, जिसमें बच्चें काफी कमजोर होते है।