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पंचायत का फैसला: शराब पीने पर 20 हजार जुर्माना, जानकारी देने पर 5 हजार इनाम

locationबुरहानपुरPublished: Sep 25, 2016 04:56:00 pm

Submitted by:

Editorial Khandwa

शराब की खरीदी-बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगाने के लिए फैसलासूचना देने वाले को मिलेगा 5 हजार का इनाम ग्रामीणों ने आपसी रायशुमारी करके मोर्चा बनाकर लिया फैसला

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Panchayat decided: Drinking fined 20 thousand, 5 thousand reward for information on

मनीष विद्यार्थी,पवन आमोदे, बुरहानपुर/दापोरा.मध्यप्रदेश. शराबबंदी के लिए ग्राम धामनगांव के लोगों ने कड़ा फैसला किया है। शराब बेचने-खरीदने और पीने वाले पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा है। इतना ही नहीं इसकी सूचना देने वाले को प्रोत्साहन के तौर पर ईनाम दिया जाएगा।
शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक स्थानीय लोग शराब की बिक्री से ज्यादा परेशानी है, वे आंदोलन कर शराब दुकानें बंद करने के लिए रैली, ज्ञापन और धरना प्रदर्शन तक कर रहे हंै।
लेकिन जिले के महज 3 हजार की आबादी वाले गांव के प्रतिष्ठित लोगों ने एकमत होकर शराबबंदी के लिए एक मोर्चा बनाया है, जिसने गांव और रहवासियों के हित में अनोखा फैसला लिया, जिसमें न तो कोई धरना है, ना विरोध और ना ही ज्ञापन। धामनगांव के प्रतिष्ठित वर्ग के लोगों के मोर्चे ने शुक्रवार को एक बैठक का आयोजन किया। जिसमें पुरुषों के बीच दर्जनों ग्रामीण महिलाओं ने भी सहभागिता की। इस मोर्चे की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि गांव से शराब का दंश मिटाने के लिए इसके सेवन और खरीदी-बिक्री पर मोर्चे द्वारा 20 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही शराब के सेवन या खरीदी-बिक्री करने की सूचना देने वाले को मोर्चे द्वारा बतौर ईनाम 5 हजार रुपए भी दिए जाएंगे। यह फैसला सभी वर्ग के लोगों ने एकसुर में स्वीकार किया। जिले के एक छोटे से गांव की यह अनुकरणीय पहल जिलेभर में चर्चाका विषय बनी हुई है। इस मोर्चे में गांव के शिवाजी पाटिल, जीएम पाटिल, श्रीराम पाटिल, विजय मोरगड़े, माणिक लोढ़े, किसन कुंभार और मधुकर पाटिल सहित करीब 50 महिला-पुरुष शामिल है।
हम सभी को इसका पालन करना चाहिए
समाजसेवी एवं नशामुक्ति केंद्र संचालक डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि धामनगांव के मोर्चे की यह शुरुआत निश्चित रुप से सराहनीय और अनुकरणीय है। जिस दंश को सारे प्रयासों के बाद भी मिटाया नहीं जा पा रहा है, उसे एक छोटे से गांव के ग्रामीणों के अनोखे प्रयासों से हटाने का प्रयास जनहित में है। हम सभी को इस तरह के प्रयासों का पालन करना चाहिए।
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