नई दिल्ली. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि ब्लैक इकोनॉमी को समाप्त करने के लिए नोटबंदी जरूरी थी। कांत ने शनिवार को अखिल भारतीय व्यापारी संघ (कैट) द्वारा कैशलेस इकोनॉमी पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जाली नोटों के कारोबार को समाप्त करने के लिए भी यह जरूरी था। उन्होंने कहा कि भारत नकद में सबसे ज्यादा लेनदेन वाले देशों में शामिल है। इस कारण यहां भ्रष्टाचार तथा लीकेज (कर चोरी, सब्सिडी चोरी आदि) का प्रमुख कारण था। आधार समर्थित पेमेंट व्यवस्था के तहत अब आधार नंबर बैंकिंग के लिए भी लोगों की पहचान और अंगूठा पिन बनने जा रहा है।
ब्याज दरों में होगी कमी
कांत ने कहा कि नोट बंदी से बैंकों के जमा में इजाफा होगा। दीर्घावधि में इससे ब्याज दरों में कमी आएगी और इससे भारत कम ब्याज दर वाली अर्थव्यवस्था बनेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य डिजिटल भुगतान प्रणाली का है। अर्थव्यवस्था में नकदी भी होगी, लेकिन उसका अनुपात काफी कम होगा। आज देश में डिजिटल हुए बिना आगे बढऩा मुश्किल है। उन्होंने व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि डिजिटल बनने के लिए सरकार व्यापारियों की हरसंभव मदद के लिए तैयार है।
व्यापारियों को टैक्स सिस्टम से डरने की जरूरत नहीं
देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उपायों पर आयोजित इस कार्यक्रम में निवेश औद्योगिक नीति एवं संवद्र्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी पूरी दुनिया पर छा रही है और इसलिए व्यापारी अब तक जिस प्रकार काम करते आये थे, आगे उस प्रकार नहीं कर पाएंगे। उन्हें स्वयं को बदलने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को कर तंत्र से डरने की जरूरत नहीं है। सरकार कारोबार को आसान बनाने के लिए तैयार है। नोटबंदी पर अभिषेक ने कहा कि इससे नकद लेनदेन कम होगा तथा नकद रहित ट्रांजैैक्शन बढेंग़े।
ट्रांजैक्शन के लिए अब अकाउंट नंबर याद रखना जरूरी नहीं
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने कहा कि आधार समर्थित भुगतान प्रणाली आने वाले दिनों में नकदरहित भुगतान का प्रमुख जरिया बन सकती है। इसमें न तो अकाउंट नंबर याद रखना है, न कोई पिन। आधार नंबर बैंकिंग के लिए भी लोगों की पहचान होगा और उनका अंगूठा उनका पिन। कांत ने भी कहा कि यह प्रणाली आने वाले समय में काफी लोकप्रिय हो सकती है। लेकिन, इसके अलावा लोग ई-वॉलेट, मोबाइल बैंकिंग, कार्ड स्वाइप मशीनों जैसे अन्य डिजिटल माध्यमों का भी प्रयोग कर सकते हैं।
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