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खतरे में आपका डेबिट कार्ड, ऐसे रखें सुरक्षित

फाइनेंशियल डेटा में बड़ी हेराफेरी के चलते भारत में डेबिट कार्ड यूजर्स पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके चलते करीब 32 लाख यूजर्स के डेबिट कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। चीन के शहरों से डेबिट कार्ड्स का अनधिकृत इस्तेमाल हो रहा है…

Oct 21, 2016 / 01:14 pm

प्रीतीश गुप्ता

Debit Card Fraud

Debit Card Fraud

नई दिल्ली. फाइनेंशियल डेटा में बड़ी हेराफेरी के चलते भारत में डेबिट कार्ड यूजर्स पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके चलते करीब 32 लाख यूजर्स के डेबिट कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। इनमें करीब 26 लाख लोग मास्टर या वीजा प्लेटफॉर्म से जबकि छह लाख लोग रुपे प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। वहीं बैंक लगातार सिक्युरिटी कोड्स या कार्ड बदलने की अपील कर रहे हैं। प्रभावित बैंकों में एसबीआई, एक्सिस, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और यस बैंक मुख्य रूप से शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के शहरों से डेबिट कार्ड्स का अनधिकृत इस्तेमाल हो रहा है।

कैसे लगती है आपके अकाउंट में सेंध

ऐसी धोखाधड़ी अक्सर एटीएम मशीन या पॉइंट ऑफ सेल के जरिए ट्रांजैक्शन के दौरान कार्ड की क्लोनिंग, विजुअल कैप्चरिंग आदि की वजह से होती है। कई बार ई-मेल, मोबाइल आदि के जरिए भी आपको लुभावने ऑफर्स देकर जानकारियां जुटा ली जाती हैं। अनधिकृत वेबसाइट्स पर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान भी सेंधमारी लग जाती है। 

ये टिप्स आपको नुकसान से बचाएंगे

गड़बड़ यदि बैंक के स्तर पर हो तो ग्राहक ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। लेकिन अपने स्तर पर सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है कि बैंक अकाउंट या डेबिट कार्ड का किसी भी रूप में दुरुपयोग होने पर तत्काल बैंक को सूचना दें। ऐसा ना करने पर बैंक की जिम्मेदारी नहीं रहेगी। इसके अलावा आप कार्ड पर ट्रांजैक्शन और विड्रॉल की लिमिट बनाकर, डेबिट-क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग के पासवर्ड नियमित तौर पर बदलकर, पासवर्ड को कहीं लिखित रूप में ना रखकर, मोबाइल एप्स के जरिए किसी से शेयर ना करके आप काफी हद तक सुरक्षित रह सकते हैं। जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, मकान नंबर आदि से मिलते-जुलते पासवर्ड इस्तेमाल ना करें। ट्रांजैक्शन अलर्ट के लिए मोबाइल नंबर और मेल आईडी रजिस्टर कराएं।

आरबीआई की गाइडलाइंस

आरबीआई के मुताबिक, ग्राहकों के डेबिट कार्ड की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी उन बैंकों पर है, जिन्होंने कार्ड जारी किए हैं। सुरक्षा में विफलता के चलते यदि ग्राहकों को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उसका भुगतान संबंधित बैंक को करना होगा। धोखाधड़ी की स्थिति में यदि खुद ग्राहक गलती स्थापित नहीं हो पाती है और ऐसे में यदि वह चार से सात कार्यदिवसों के भीतर सूचना दे तो ग्राहक की अधिकतम जिम्मेदारी पांच हजार रुपए तक सीमित है। लेकिन सात दिनों के बाद सूचना दिए जाने की स्थिति में बैंक की पॉलिसी के आधार पर जिम्मेदारी तय होगी।

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