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नोटबंदी पर उर्जित ने तोड़ी चुप्पी, कहा नोटों की पूरी है उपलब्धता 

पटेल ने कहा कि आबीआई और सरकार लोगों की मांगें पूरी करने के लिए पूरी क्षमता के साथ नोटों की प्रिंटिंग कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि करेंसी की उपलब्धता बढ़ रही है और बैंक इसे मिशन की तरह ले रहे हैं। बैंक कर्मी अपनी शाखाओं और एटीएम पर नए नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

Nov 27, 2016 / 06:47 pm

umanath singh

urjit patel

urjit patel

नई दिल्ली. नोटबंदी पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि केंद्रीय बैंक की नजर पूरी स्थिति पर है। चीजों की हर दिन समीक्षा की जा रही है और सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम हर संभव यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आम लोगों को परेशानी नहीं हो। पटेल ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ी है और हमारी पूरी कोशिश चीजों को जल्द से जल्द सामान्य करने बनाने की है। 

नोटों की पूरी है उपलब्धता 

पटेल ने कहा कि आबीआई और सरकार लोगों की मांगें पूरी करने के लिए पूरी क्षमता के साथ नोटों की प्रिंटिंग कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि करेंसी की उपलब्धता बढ़ रही है और बैंक इसे मिशन की तरह ले रहे हैं। बैंक कर्मी अपनी शाखाओं और एटीएम पर नए नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

अमर्त्य सेन ने इसे निरंकुश कार्रवाई कहा

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने नोटबंदी के इरादे और अमल पर सवाल उठाया है। उन्होंने इसे निरंकुश कार्रवाई करार दिया है। सेन ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि लोगों को अचानक बताना कि उनके पास जो करेंसी है, उसका इस्तेमाल नहीं हो सकता, तानाशाही है। सेन का कहना है सिर्फ एक तानाशाही सरकार लोगों को इस तरह का कष्ट दे सकती है। 

नोटबंदी से भ्रष्टाचार कम होगा: सुब्बाराव

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने सरकार के नोटबंदी के कदम की सराहना की है। सुब्बाराव का कहना है कि कम अवधि में नोटबंदी विकास को चोट पहुंचा सकती है, लेकिन लंबे समय में इसका असर ज्यादा फायदेमंद होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी सरकार और रिज़र्व बैंक इसे संभालेंगे, उतनी जल्दी इसके प्रतिकूल असर कम होंगे और अच्छे असर दिखने शुरू हो जाएंगे। रियल एस्टेट काला धन के लिए एक सुरक्षित ठिकाना है और नोटबंदी के बाद इस पर अंकुश लगाया जा सकता है। 


ब्लैक इकोनॉमी फिर होगी पैदा: रुचिर शर्मा 

मॉर्गन स्टेनली के मुख्य वैश्विक रणनीतिकार और प्रख्यात अर्थशास्त्री रुचिर शर्मा ने नोटबंदी के कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि नोटबंदी से आज भले ही कुछ छिपा धन नष्ट हो जाएगा, लेकिन संस्कृति और संस्थाओं में गहरे परिवर्तन के अभाव की वजह से कल फिर इस ब्लैक इकोनॉमी जन्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सिस्टम से सिर्फ काले धन को मिटाकर भारत विकास की उम्मीद नहीं कर सकता है। दूसरे कम आय वाले देशों की तरह भारत की इकोनॉमी कैश पर निर्भर करती है। भारत की बैंकिंग और टैक्स संस्थाएं बेशक त्रुटिपूर्ण हैं, लेकिन इतनी त्रुटिपूर्ण भी नहीं हैं कि भारत में नोटबंदी जैसे कदम की जरूरत थी। भारत की जीडीपी में बैंक जमाओं का योगदान 60 प्रतिशत है जो एक गरीब देश के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। 


रतन ने कहा, आर्थिक सुधारों के लिए अहम 

टाटा ग्रुप के वर्तमान चेयरमैन रतन टाटा ने सरकार के नोटबंदी की सराहना की है। टाटा ने कहा कि यह तीन सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों में एक है। नोटबंदी से कालेधन का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। भारत में समानांतर काले धन की अर्थव्यवस्था की वजह से चोरी, काला धन और भ्रष्टाचार बढ़ गया है। 

30 लाख करोड़ की है ब्लैक इकोनॉमी 

अर्थशास्त्री राजीव कुमार ने सरकार के नोटबंदी की तारीफ की है। देश में काले धन की अर्थव्यवस्था 30 लाख करोड़ रुपए की है। यदि इसका पचास फीसदी हिस्सा भी 500 और 1000 रुपए के नोटों के रूप में रखा गया होगा तो इस कदम से सीधे 15 लाख करोड़ रुपए बैंक डिपॉजिट के जरिए प्रत्यक्ष अर्थव्यवस्था में आ सकते हैं। 

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