scriptरुपए में गिरावट से इन भारतीय कंपनियों को होगा फायदा | Downfall in Rupee to beneficial for these Indian firms | Patrika News

रुपए में गिरावट से इन भारतीय कंपनियों को होगा फायदा

Published: Dec 03, 2016 01:40:00 pm

जिन कंपनियों का बिजनेस ज्यादातर निर्यात पर आधारित है और जो डॉलर में व्यापार करते हैं उन्हें रुपए की वैल्यू घटने से एक्सचेंज के रूप में ज्यादा पैसा मिलता है…

Rupee vs Dollar

Rupee vs Dollar

नई दिल्ली. डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का दौर अभी कुछ और दिनों तक जारी रह सकता है। हाल ही में यह 39 महीनों के निचले स्तर पर चला गया था। फिलहाल वैश्विक एजेंसियां 1 डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू 70 से 72 तक गिरने की आशंका जता रही हैं। इसके चलते भारत में ऑयल और गोल्ड से जुड़ी कंपनियों को नुकसान हो सकता है। वहीं कई भारतीय कंपनियां ऐसी भी हैं, जिन्हें इस गिरावट का फायदा मिल रहा है। इनमें डॉलर में व्यापार करने वाली और खासतौर पर एक्सपोर्ट कंपनियां शामिल हैं।

फायदे की वजह

जिन कंपनियों का बिजनेस ज्यादातर निर्यात पर आधारित है और जो डॉलर में व्यापार करते हैं उन्हें रुपए की वैल्यू घटने से एक्सचेंज के रूप में ज्यादा पैसा मिलता है।

आईटी और फार्मा की चांदी

भारतीय आईटी और फार्मा कंपनियों के लिए अमरीका बड़ा बाजार है। लिहाजा टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक जैसी आईटी और सन फार्मा और डॉ रेड्डीज जैसी फार्मा सेक्टर की कंपनियां फायदे में रह सकती हैं। इसके अलावा कुछ कंस्ट्रक्शन फर्मों और टूरिज्म सेक्टर को भी अच्छा फायदा हो सकता है। हालांकि, अभी डिमांड काफी कम है ऐसे में उन्हीं कंपनियों को फायदा होगा जिनके पास पहले से ऑर्डर हैं।

इंफोसिस-एचसीएल

रेवेन्यू ग्रोथ में गिरावट और टॉप लेवल मैनेजमेंट में इस्तीफों से जूझ रही देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर इंफोसिस को रुपए में गिरावट से बड़ा फायदा हो सकता है। दरअसल, कंपनी अमरीका को बड़ी मात्रा में सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करती है। इसी तरह डिमांड में चुनौतियों और कॉस्ट प्रेशर से मजबूत से निपटने वाली एचसीएल टेक्नोलॉजीस को भी परफॉर्मेंस में निरंतरता के चलते फायदा मिल सकता है।

नाटको-सन फार्मा

ट्रंप नीतियों के प्रभाव के पूर्वानुमान में संकट से जूझ रही फार्मा कंपनियों को रुपए में गिरावट से राहत मिल रहा है। इनमें नाटको और सन फार्मा प्रमुख हैं। हैदराबाद की कंपनी नाटको फार्मा ने सितंबर की तिमाही में पिछले साल के मुकाबले 92.5 फीसदी ज्यादा ग्रोथ हासिल की है। उल्लेखनीय है कि भारतीय फार्मा कंपनियों की सेल्स में अमरीका में जबर्दस्त योगदान है। 

बालकृष्ण इंडस्ट्रीज

करीब 90 फीसदी रेवेन्यू एक्सपोर्ट से जुटाने वाली बालकृष्ण इंडस्ट्रीज के सितंबर में खत्म हुई तिमाही में पिछले साल के मुकाबले करीब दो गुना व्यापार किया है। इस साल कंपनी का रेवेन्यू करीब 250 करोड़ रुपए रहा।
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