…तो ईपीएफओ देगा 8.75 प्रतिशत इंटरेस्ट
ईपीएफओ ने लगातार दो साल (2013-14, 2014-15) पीएफ डिपोसिट में 8.75 प्रतिशत का इंटरेस्ट दिया
नई दिल्ली। उम्मीदों से कम रिटर्न मिलने से निराश कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) 6 हजार करोड़ के निवेश को लेकर अपने फैसले पर फिर से विचार कर रहा है। ईपीएफओ ने इक्विटीज में अगस्त-अक्टूबर के दौरान 2,322.10 करोड़ रुपए निवेश किए थे जिसपर उसे सालाना 1.52 प्रतिशत का ही रिटर्न मिला।
ईपीएफओ की निर्णय लेने वाले संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की मंगलवार को बैठक हुई थी जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री बंदारू दत्तात्रेय ने की थी। बैठक में ट्रस्टीज, खासकर ट्रेड यूनियनों ने संगठन के निवेश पर मिल रहे कम रिटर्न पर चिंता जाहिर की थी।
बैठक के बाद संवाददताओं से बातचीत करते हुए ईपीएफओ केंद्रीय भविष्य निधि (सीपीएफ) के आयुक्त के के जालन ने बताया कि ट्रेड यूनियनों ने कम रिटर्न पर चिंता जताई है। रिटर्न को लेकर फाइनेंस ऑडिट एंड इनवेस्टमेंट समिति (एफएआईसी) की जल्द होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी।
एफएआईसी के अध्यक्ष जालन ने बताया कि पैनल की बैठक कभी भी बुलाई जा सकती है, लेकिन उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर से पहले बैठक नहीं बुलाई जा सकती क्योंकि उसी दिन सीबीटी की बैठक होनी है।
ईपीएफओ ने लगातार दो साल (2013-14, 2014-15) पीएफ डिपोसिट में 8.75 प्रतिशत का इंटरेस्ट दिया। संगठन पर इक्विटीज में निवेश करने का बहुत ज्यादा दबाव रहा था ताकि वह अपने निवेशकों को ऊंचा रिटर्न दे सके।
वहीं, सूत्रों ने बताया कि ईपीएफओ ने वर्तमान राजकोषीय वर्ष को लेकर इंटरेस्ट रेट को लेकर फैसला कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा राजकोषीय वर्ष के लिए रेट ऑफ इंटरेस्ट 8.75 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा होगा जो पिछले दो सालों से दिया जा रहा है।
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