घर खरीदना आर्थिक के साथ-साथ भावनात्मक निर्णय भी होता है। यह जिंदगी का सबसे बड़ा निवेश होता है, जिस पर कोई भी फैसला पूरी सतर्कता और गंभीरता के साथ परिवार के हर सदस्य के साथ विचार-विमर्श के बाद ही लिया जाना चाहिए। रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की डील को ग्रीन सिग्नल देने से पहले उसे लोकेशन, माहौल, कनेक्टिविटी, अमाउंट, साइज आदि सभी कसौटियों पर कसना बेहद जरूरी है।
बजट का रखें ध्यान
मौजूदा समय में अधिकतर मकान लोन की मदद से खरीदे जाते हैं। बैंक से कुल कीमत का 80 फीसदी तक मिल सकता है, लेकिन लोन जितना बड़ा होगा ईएमआई उतनी ही लंबी और बोझिल होती जाएगी। ऐसे में यदि परिवार की कुल आय सीमित है तो आपके लिए बड़ी ईएमआई मुश्किल बन सकती है। आमतौर पर लोन चुकाने के लिए कुल आय का अधिकतम 45 फीसदी ही उपयोग किया जा सकता है।
डाउन पेमेंट
डाउन पेमेंट जमा करने में मुश्किल आ रही है तो घर खरीदने से पहले कुछ समय और रूक जाना अच्छा फैसला होगा। कई बार लोग इसके लिए पर्सनल लोन का भी सहारा लेते हैं, जो ऊंची ब्याज दरों के चलते बेहद खतरनाक फैसला साबित होता है। पहले बचत और निवेश के जरिए डाउन पेमेंट जुटाने की कोशिश करें, उसके बाद ही घर खरीदने का फैसला लें।
अन्य खर्चों को नजरअंदाज न करें
बिल्डर से अंडर-कंस्ट्रक्शन या रेडी टू मूव फ्लैट खरीदते समय कुल भुगतान योग्य राशि का पता ब्रेकअप से चलता है। इसमें फ्लैट की लागत के अलावा स्टांप ड्यूटी शुल्क और रजिस्ट्रेशन, बिजली मीटर चार्ज, एक साल का मेंटेनेंस आदि शामिल होते हैं। कोई पुरानी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो सोसायटी खर्च, मेंटेनेंस आदि के बारे में जरूर पता करें।
रेडी-टू-मूव, री-सेल या अंडर कंस्ट्रक्शन?
इसका फैसला सबसे पहले बजट पर निर्भर होता है। अधिकांशतः रेडी टू मूव को तरजीह देते हैं। इनकी कीमत निश्चित तौर पर थोड़ी ज्यादा होती है। बजट कम है तो अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर विचार कर सकते हैं, यह थोड़ा सस्ता होता है। हालांकि अंततः दोनों की कीमतों का अंतर ज्यादा नहीं रह जाता, लेकिन अंडरकंस्ट्रक्शन में आपको धीरे-धीरे अमाउंट रिलीज करना होता है।
विकास भगत, डायरेक्टर, एयरविल ग्रुप
Home / Business / घर खरीद रहे हैं तो पहले इन कसौटियों पर जरूर परखें