script‘धीमी होती वर्ल्ड इकोनॉमी में भारत है आशा की किरण’ | India is the Hope in slowing world's economy | Patrika News

‘धीमी होती वर्ल्ड इकोनॉमी में भारत है आशा की किरण’

Published: Oct 01, 2015 10:14:00 am

आईएमएफ चीफ ने कहा, इस साल ग्लोबल ग्रोथ कमजोर रहेगी, लेकिन इसके बावजूद भारत एक आशा का केंद्र के रूप में बना रहे

Christine Lagarde

Christine Lagarde

वॉशिंगटन। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) की चीफ क्रिस्टीन लागार्डे ने कहा है कि इस साल ग्लोबल ग्रोथ कमजोर रहेगी, लेकिन इसके बावजूद भारत एक आशा का केंद्र के रूप में बना रहेगा। उनका कहना है कि ग्लोबल ग्रोथ में जो भी थोड़ी बहुत तेजी आएगी वह सिर्फ वर्ष 2016 में आएगी। लागार्डे ने कहा, भारत अभी भी एक आशा की किरण बना हुआ है। चीन में मंदी आ रही है और ये निर्यात से जुड़े विकास को दूर कर रहा है। रूस और ब्राजील जैसे देश गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे है। लैटिन अमरीकी देशों में भी निरंतर रूप से मंदी आ रही है।

उन्होंने कहा, हमे कम आय वाले देशों में भी कमजोरी गतिविधियां देखने को मिल रही है। ग्लोबल लेवल पर अर्थव्यवस्था में अभी भी कुछ मंदी है क्योंकि वित्तीय स्थिरता को लेकर कोई भी आश्वासन नहीं है। लागार्डे ने कहा कि पिछले कुछ सालों में प्रोग्रेस होने के बावजूद कई देशों में वित्तीय सेक्टर कमजोर रहा है। अगले हफ्ते जारी होने वाले वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, इस साल ग्लोबल ग्रोथ कमजोर रहेगी और थोड़ी बहुत तेजी की जो उम्मीद है वो 2016 में ही देखने को मिल सकती है।

उन्होंने कहा कि अच्छी खबर ये है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में हमे जरूर थोड़ी तेजी देखने को मिल रही है। इस मध्यम तेजी से यूरोपियन क्षेत्र को मजबूती मिल रही है। जापान सकरात्मक ग्रोथ की ओर लौट रहा है और अमरीका व यूनाइटेड किंगडम में भी एक्टीविटी मजबूत रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो