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मोदी सरकार की नीतियों से देश की रैंकिंग सुधरी : जेटली

Published: Nov 02, 2015 08:42:00 pm

केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि मोदी सरकार की नीतियों की
वजह से व्यापार करने के लिए आसान जगहों में (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) भारत की
रैंकिंग बेहतर हुई है।

Arun Jaitley inaugurating the Vividh bharti FM

Arun Jaitley inaugurating the Vividh bharti FM

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि मोदी सरकार की नीतियों की वजह से व्यापार करने के लिए आसान जगहों में (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) भारत की रैंकिंग बेहतर हुई है। विश्व बैंक ने इस सूची में भारत का स्थान 12 अंक ऊपर कर दिया है। पिछले महीने विश्व आर्थिक मंच ने भी भारत को अपग्रेड किया था।

जेटली ने अपने फेसबुक पृष्ठ पर लिखा है, हालांकि रैंक में सुधार मध्यम है, लेकिन यह विपरीत रूझान को मोड़ने की शुरूआत है। सरकार ने पिछले 17 महीने में जो कदम उठाए हैं, उन्हें देखते हुए भारत का स्थान खासा ऊंचा होना चाहिए था। इन सभी कदमों को संज्ञान में नहीं लिया गया है, क्योंकि विश्व बैंक का मानदंड एक निर्धारित तिथि पर आधारित है। फिर भी, भारत की स्थिति में जो सुधार हुआ है, उसमें त्वरित निर्णय प्रक्रिया, तीव्र नीतिगत बदलाव, शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार खत्म होने और मंजूरी प्रक्रिया सरल होने की अहम भूमिका है। निवेशकों को अब नीतियों में बदलाव या मंजूरियों के लिए दिल्ली आकर मंत्रालयों के आगे लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।

जेटली ने कहा कि कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया सरल बनाने के साथ ही व्यवसाय बंद करने की प्रक्रिया भी सरल बनानी चाहिए। इसके लिए सरकार दिवालियेपन पर कानून का मसौदा तैयार कर रही है। सार्वजनिक परियोजनाओं के संबंध में विवादों के शीघ्र निस्तारण के लिए एक तंत्र बनाने पर भी काम हो रहा है।

जेटली ने हाल ही में असहिष्णुता के मुद्दे पर बुद्धिजीवियों के विरोध की तरफ इशारा करते हुए लिखा है, कई लोग ऎसे हैं जिन्होंने बौद्धिक तौर पर सत्ता में भाजपा के विचार को स्वीकार नहीं किया है। स्वाभाविक तौर पर इसमें कांग्रेस, कई वामपंथी विचारक और कार्यकर्ता शामिल हैं। स्वयं प्रधानमंत्री 2002 से वैचारिक असहिष्णुता के शिकार हुए हैं। वे भारत को एक असहिष्णु समाज के तौर पर प्रचारित करना चाहते हैं। वे इतने असहिष्णु हैं कि दूसरी विचारधारा को बर्दाश्त नहीं करते।

उन्होंंने कहा, दादरी में जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। इस तरह के अपवाद को छोड़ दें तो भारत बेहद सहिष्णु समाज है। इसलिए भारत तथा मौजूदा सरकार के शुभचिंतकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने किसी भी कृत्य या व क्तव्य से उन लोगों को कोई मौका न दें जो भारत के विकास में बाधा डालना चाहते हैं।
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