नई दिल्ली. महिला सशक्तिकरण से सिर्फ सामाजिक ही नहीं बल्कि आर्थिक विकास की दर में भी तेजी से इजाफा होता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टिना लगार्ड के मुताबिक, यदि भारत के वर्कफोर्स महिलाओं की संख्या पुरुषों के बराबर हो जाए तो राष्ट्रीय आय में 27 फीसदी का इजाफा हो सकता है। लगार्ड ने यह बात लॉस एंजिलिस में ‘वीमेंस एंपावरमेंट: एन इकोनॉमिक गेम चेंजर’ विषय पर संबोधन के दौरान कही।
योग्य महिलाओं का सिर्फ 50% कार्यरत
अपने वक्तव्य में महिलाओं के लिए बेहतर आर्थिक अवसर और समान मेहनताने पर भी जोर देते हुए क्रिस्टीना ने कहा, ‘महिलाओं का सशक्तिकरण किसी भी देश के लिए आर्थिक तौर पर स्थितियां बदलने वाला हो सकता है। महिलाओं के लिए बेहतर अवसरों से विविधता को बढ़ावा मिलेगा और विश्वभर में आर्थिक असमानता में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि दुनिया में सिर्फ जितनी महिलाएं जॉब कर सकती हैं, उनमें से सिर्फ 50 फीसदी ही कार्यरत हैं।’
उठाने होंगे ये कदम
वर्कफोर्स में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए चाइल्ड केयर लीव, पैरेंटल लीव और वर्कप्लेस फ्लेक्सिबलिटी बढ़ाने के लिए वर्क फ्रॉम होम जैसी सुविधाओं पर विशेष ध्यान देना होगा। महिलाओं को इंक्रीमेंट-प्रमोशन के लिए शारीरिक उत्पीड़न के लिए मजबूर होने से बचाने के लिए कदम उठाने होंगे। महिलाओं को भी प्रगति के समान अवसर देने होंगे। उन्हें प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ बैलेंस में मदद करने वाले अन्य कदमों पर भी फोकस करना चाहिए।
जेंडर गैप खत्म हो तो…
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Home / Business / Economy / Work Force में महिलाओं की भागीदारी बढ़े तो 27% बढ़ सकती है राष्ट्रीय आय