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बढ़ सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें, महंगाई को मिलेगी हवा

क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी बनी हुई है। कीमतें 8 महीनों की उंचाई 52.50 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई हैं

Jun 11, 2016 / 11:11 am

सुनील शर्मा

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नई दिल्ली। क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी बनी हुई है। कीमतें 8 महीनों की उंचाई 52.50 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई हैं। साफ तौर पर इसका बुरा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पडऩे जा रहा है। माना जा रहा है कि इसे देखते हुए 15 जून को अपनी समीक्षा बैठक में तेल कंपनियां पेट्रोल की कीमतें 3 रुपए तक बढ़ा सकती हैं। एक्सपर्ट का तो यहां तक मानना है कि आने वाले महीनों में क्रूड कीमतें 70 डॉलर तक पहुंच सकती है, जिससे पेट्रोल-डीजल कीमतो को काबू में करना और मुश्किल हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 1 मई से 31 मई के बीच इंडियन क्रू बास्केट की कीमतों में करीब 2 डॉलर का इजाफा होने से दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 3.41 रुपए बढ़कर 65.60 रुपए प्रति लीटर हो चुकी है। अगर यह ट्रेंड बना रहा तो आने वाले दिनों में उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में और इजाफा हो सकता है।

हालांकि एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि ऑयल कंपनियों द्वारा कीमतें बढ़ाना सिर्फ क्रूड कीमतों के बढऩे पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि विदेशों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें और एक्सचैंज रेट की इसमें बड़ी भूमिका होती है। चूंकि पिछली समीक्षा में कंपनियों ने अपनी काफी भरपाई कर ली है, ऐसे में 15 जून को अगर कीमतें बढ़ती भी हैं तो वह 60 पैसे से लेकर 95 पैसे के बीच ही होंगी।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा का ट्रेंड बना हुआ है। पिछले एक महीने में पेट्रोल 3.41 रुपए प्रति लीटर और डीजल 3 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो चुका है। डीजल के दाम में पिछले एक महीनों में 3 बार बढ़ोत्तरी की जा चुकी है। अब जबकि क्रूड की कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं, ऐसे में 15 जून को ऑयल कंपनियों की होने वाली पेट्रोल-डीजल की समीक्षा बैठक में इनके दाम बढऩा लगभग तय है।

क्या है कारण
चीन के क्रूड इम्पोर्ट में जोरदार उछाल और ऑयल इन्वेंस्ट्री में कमी क्रूड कीमतों में इजाफा की मुख्य वजहें हैं। इनके अलावा रिफाइनरी डिमांड में लगातार तेजी, कम कीमतों पर क्रूड बेचने में उत्पादकों को रहा घाटा, अमेरिका से आ रहे बेहतर आथिर्क नतीजे, तेल कंपनियों द्वारा खर्च में की जा कटौती आदि का भी इसमें योगदान है।

क्या कर सकती है सरकार
बाजार के हवाले होने के बाद तेल कंपिनयों द्वारा कीमतें बढ़ाने पर रोक लगाना संभव नहीं है। हालांकि सरकार के पास इसके अलावा भी विकल्प हैं। क्रूड महंगा होने के बाद सरकार एक्साइज ड्यूटी कम करके पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफा होने के असर को बेअसर कर सकती है। हालांकि इससे सरकार को रेवेन्यू की क्षति होगी। पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 21.48 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 17.33 रुपए प्रति लीटर है।

एक्साइज डयूटी से बढ़ जाती है कीमत
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की वेबसाइट के मुताबिक पेट्रोल की असल लागत केवल 27.87 रुपये प्रति लीटर है। इसमें उत्पाद शुल्क 21.48 रुपए प्रति लीटर, डीलर कमीशन 2.30 रुपये प्रति लीटर और वैट 13.95 रुपये प्रति लीटर शामिल है। केवल डीलर कमीशन शामिल कर सभी टैक्स हटा दिए जाएं तो पेट्रोल की कीमत महज 30.17 रुपए प्रति लीटर रह जाएगी।

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