ब्रेक-इवन प्वाइंट छूने के लिए अगले दो-तीन साल में जियो को 7-8 करोड़ ऐसे सब्सक्राइबर्स की जरूरत होगी, जो कम से कम 180 रु हर महीने खर्च करे…
नई दिल्ली. मुकेश अंबानी ने कंपनी की 42वीं एजीएम में अन्य टेलीकॉम कंपनियों की वर्तमान दरों से कई भाग कम रेट पर इंटरनेट सेवा, फ्री लाइफटाइम वॉयस कॉल्स और रोमिंग सर्विसेज की घोषणा करके टेलीकॉम मार्केट में भूचाल ला दिया है। इससे स्थापित कंपनियों के टिके रहने पर सवाल उठने लगे हैं। यूं तो 5 सितंबर, 2016 को जियो की कमर्शियल लॉन्चिंग के बाद ही पूरी स्थिति साफ होगी। हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि क्या जियो इस रेट पर लगातार अपनी ये सर्विस उपलब्ध करा पाएगी?
…इसलिए उठे सवाल
रिलायंस जियो ने सस्ते टैरिफ प्लान तो लॉन्च कर दिए हैं, लेकिन क्या वे टिकाऊ होंगे, इस पर कयासबाजी शुरू हो गई है। एनालिस्ट का मानना है कि ब्रेक-इवन प्वाइंट यानी घाटे व मुनाफे के बीच की लाइन को छूने के लिए अगले दो-तीन साल में जियो को 7-8 करोड़ सब्सक्राइबर्स की जरूरत होगी, जो आसान नहीं है। और ये सब्सक्राइबर्स भी औसतन 180 रुपए प्रति महीने मोबाइल बिल देने वाले होने चाहिए। ऐसा संभव नहीं होने पर बढ़ सकती है परेशानी।
ये हैं कमियां
टैरिफ प्लान सिंपल होने के बावजूद 500 रुपए से कम वाले प्लान में विकल्प कम हैं। इसके असर बाद में ही साफ होंगे। हालांकि ब्रॉकरेज हाउस रेलिगेअर इंस्टीट्यूशनल का मानना है कि जियो की लॉन्चिंग का असर वर्तमान कंपनियों के वॉयस टैरिफ पर ही अधिक होगा। अर्नेस्ट एंड यंग ने भी टैरिफ पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्लान कितने टिकाऊ हैं, यह वक्त ही बताएगा।
प्रतिस्पर्धियों के प्लान
एयरटेल ने रिलायंस की एजीएम से एक दिन पहले ही मुंबर्ई और केरल में कैरियर एग्रीग्रेशन टेक्नोलॉजी पर काम शुरू कर दिया। इसमें अलग-अलग बैंड के स्पेक्ट्रम को जोड़ना और उसका बड़ा ब्लॉक तैयार किया जाना है। इससे मोबाइल यूजर्स को अधिक तेज और स्थिर 4जी डेटा सर्विस ऑफर किया जा सकेगा। सर्विस क्वालिटी बेहतर होने से पीक डाउनलोड स्पीड 135 एमबीपीएस तक पहुंच जाएगी, जिससे नॉर्मल 4जी से ज्यादा स्पीड मिलेगी। कंपनी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में 40-80% तेज ब्रॉडबैंड स्पीड देने का दावा कर रही है। एयरटेल के साथ आइडिया और वोडाफोन भी सस्ते टैरिफ ला सकते हैं।
निवेशकों को सलाह : मार्केट एनालिस्ट्स निवेशकों को स्थापित कंपनियों में निवेश के प्रति सतर्क कर रहे हैं। ब्रॉकरेज हाउस एडिलवीस का मानना है कि अगर एयरटेल और आइडिया जैसी कंपनियां जियो जैसे पैकेज लेकर आती है, तो इससे उनके राजस्व पर बड़ा असर होगा। ऐसे में ये कंपनियां एक सीमा तक ही ऑफर दे सकती हैं। खासकर फ्री कॉलिंग के मामले में जियो का मुकाबला करना मुश्किल होगा। अनलिमिटेड ऑफर के कारण जियो यूजर्स के लिए चांदी साबित हो रहा है।