मुंबई। इन दिनों वाइरस के जरिए एटीएम से पैसे निकालने वाले एक रूसी लड़के के भारत में होने की खबर से बैंक कंपनियों के होश उड़े हुए हैं। खबरों के मुताबिक 19 साल का यह रूसी लड़का एक वाइरस के जरिए एटीएम का सारा पैसा निकाल लेता है। इस लड़के के गुजरात में होने का शक जताया जा रहा है क्योंकि सूरत में कुछ लोगों को एटीएम को वाइरस के जरिए लूटने की कोशिश करते पकड़ा गया है। गुजरात पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया है और मामले की जांच की जा रही है।
एनसीआर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर नवरोज दस्तूर ने बताया, “सभी तरह के एटीएम पर ऐसे हमले का खतरा है। हमने बैंकों को पासवर्ड प्रोटेक्शन, सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन जैसे कुछ विशेष सतर्कता उपायों की सलाह दी है। इसके साथ ही एटीएम सॉफ्टवेयर की वाइटलिस्टिंग के लिए भी कहा गया है।”
वाइटलिस्टिंग ऐसा प्रोसेस है, जो यह पक्का करता है कि किसी एटीएम पर केवल ऑथराइज्ड प्रोग्राम और प्री-अप्रूव्ड ऐप्लिकेशंस ही चलाए जा सकें। दस्तूर ने कहा कि वाइटलिस्टिंग होने पर अगर हैकर एटीएम में प्रवेश करने के लिए किसी नए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करेगा तो मशीन उसे स्वीकार नहीं करेगी। कुछ बैंकों ने इसे लागू कर दिया है।
नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में रिस्क मैनेजमेंट के हेड भरत पांचाल ने बताया, “ऐसे वाइरस से हमले कोऑर्डिनेशन के साथ किए जाते हैं। इनमें ऐसे टेक्नॉलजी एक्सपर्ट शामिल होते हैं जिन्हें एटीएम के काम करने के तरीके का पता होता है। वे आमतौर पर विदेश में बैठे मास्टरमाइंड से निर्देश लेने के बाद कमांड डालते हैं और कैश निकाल लेते हैं।
आपको बता दें कि एक वर्ष पहले यूरोप, एशिया के कुछ देशों और लैटिन अमेरिका में साइबर हमलों ने बैंकों की नींद उड़ा दी थी। साइबर अपराध की दुनिया में एनुनैक के नाम से मशहूर एक रूसी गैंग इन हमलों के लिए जिम्मेदार था और अब इस गैंग की नजर भारत पर है और उन्हें यह पता है कि देश में बहुत से एटीएम पुराने हैं और आउटडेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं।
Home / Business / Industry / एक ऐसा वाइरस जिसके इस्तेमाल से नोट उगलने लगता है ATM