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एसएमई, एनबीएफसी के आए अच्छे दिन, बढ़ेंगे बैंकिंग क्रियाकलाप

 नोटबंदी के बाद 2016 के अंतिम महीनों में डिजिटल पेमेंट और मोबाइल वॉलेट कंपनियों के अच्छे दिन आए। हालांकि 2017 में उनके साथ ही लघु और मध्यम आकार के उद्योगों (एसएमई) के भी अच्छे दिन आने वाले हैं।

Jan 02, 2017 / 10:30 pm

आलोक कुमार

SME

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नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद 2016 के अंतिम महीनों में डिजिटल पेमेंट और मोबाइल वॉलेट कंपनियों के अच्छे दिन आए। हालांकि 2017 में उनके साथ ही लघु और मध्यम आकार के उद्योगों (एसएमई) के भी अच्छे दिन आने वाले हैं। लोन सस्ते होने से बैंकिंग और बिजनेस क्रियाकलापों में भी तेजी आना तय है। होम लोन ६ वर्ष में सबसे निचले स्तर पर आ गया है। इससे घर खरीदने वालों के भी अच्छे दिन आ गए हैं। साल के आखिर में प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में एसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम में नॉन बैंकिंग फाइनैंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) को शामिल करने की घोषणा की। लोन के लिए स्कीम को भी 2 करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया, जो अभी तक सिर्फ बैंकों के लिए ही खुली थी।

एसएमई के लिए लोन लेना आसान

पहली बार सरकार ने एनबीएफसी के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम लॉन्च की है। एनबीएफसी देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित एसएमई तक पहुंच रही है और स्कीम के तहत कवर कर रही है। इससे आने वाले दिनों में नए कर्जदाताओं तक पहुंचना उनके लिए और आसान हो जाएगा। अभी तक एनबीएफसी को पूरा जोखिम खुद ही लेना पड़ता था। इससे कर्ज देने में वे परंपरागत तौर-तरीकों पर अधिक भरोसा करते थे। लेकिन अब उनके लिए जोखिम लेना आसान हो गया है। वर्तमान क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत हर एसएमई के लिए एक करोड़ तक लोन और वर्किंग कैपिटल सुविधा का प्रावधान है, जिसमें बगैर किसी थर्ड पार्टी गारंटी या कोलैटरल सुरक्षा के बढ़ोतरी की जा सकती है। एनबीएफसी को क्रेडिट गारंटी देने से बड़ी संख्या में छोटे और लघु उद्योगों को आसानी से जरूरत के मुताबिक लोन मिलना संभव होगा।

6 साल में सबसे सस्ता हुआ होम लोन

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) समेत कई बैंकों द्वारा अपनी ब्याज दरों में बड़ी कमी करने से होम लोन की दर पिछले ६ वर्षों में सबसे कम हो गई है। एसबीआई के अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक ने भी ब्याज दरों में बड़ी कटौती की है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने एक वर्ष की कर्ज दर की मार्जिनल कॉस्ट (एमसीएलआर) को पहले के 8.9त्न से घटाकर 8त्न तक कर दिया है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपने एमसीएलआर में 85 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है।

बैंकों के साथ नया करार जरूरी

जिन लोगों ने 2016 के अप्रैल से पहले लोन लिया है, उनकी ईएमआई बेस रेट से लिंक रहेगी। ऐसे कर्जदाताओं को एमसीएलआर से लिंक्ड लोन पाने के लिए बैंक के साथ नया करार करना होगा। एसबीआई ने टीजऱ रेट लोन की फिर से शुरुआत की है। इसके तहत पहले दो वर्ष के लिए लोन 8.5 फीसदी की दर पर उपलब्ध रहेगा और उसके बाद के वर्षों में फ्लोटिंग रेट पर उपलब्ध रहेगा। स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, आईडीबीआई, इंडियन ओवरसीज़ बैंक ने भी नए साल पर ब्याज दर में कटौती का ऐलान किया है। बैंकों को उम्मीद है कि नोटबंदी के बाद लोन की मांग में आई कमी की भरपाई होम लोन पर ब्याज में कटौती के जरिए की जा सकती है।

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