बंद होगा एचएमटी का ट्रैक्टर डिविजन, 1100 कर्मियों को झटका
ये कर्मचारी महीनों से बिना सैलरी अच्छे दिनों का इंतजार कर रहे थे
चंडीगढ़। केंद्र सरकार की ओर से पिंजौर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिन्दुस्तान मशीन टूल्स (एचएमटी) को बंद करने के फैसले ने यहां काम कर रहे करीब 1100 कर्मचारियों व अफसरों समेत लाखों किसानों को बड़ा झटका लगा है। एचएमटी के कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार इसको पुनर्जीवित करने की तरफ कदम बढ़ाएगी, लेकिन, दिवाली के एन मौके पर सामने आए केंद्र के फैसले से कर्मचारियों की उम्मीदों का दीपक बुझ गया है। ये कर्मचारी महीनों से बिना सैलरी अच्छे दिनों का इंतजार कर रहे थे।
कंपनी की वर्कर यूनियन के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने कहा कि फैसले से दिल टूट गया है और परिवार सदमे में हैं। एचएमटी की ट्रैक्टर डिविजन में कर्मचारियों की संख्या 900 के आसपास है, जबकि अधिकारियों को मिलाकर यह संख्या 1100 के आसपास बताई जाती है। एचएमटी पर तालाबंदी की तलवार की चर्चाएं काफी पहले से थीं और इसके चलते पिंजौर के दुकानदारों ने एचएमटी के कर्मचारियों को उधार पर सामान तक देना बंद कर दिया था।
इसका कारण यह है कि कर्मचारियों को पिछले 27 महीने से सैलरी नहीं मिली है। एचएमटी कंपनी 1963 में बनी थी और पिंजौर की ट्रैक्टर यूनिट 1972 में शुरु हुई थी। यह यूनिट सालाना 18 हजार ट्रैक्टर तक बना रही थी लेकिन, उदारीकरण नीति लागू होने से प्राइवेट प्लेयर इस सेक्टर में आए तो एचएमटी के गर्दिश के दिन आ गए।
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