‘जीएसटी पारित करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत’
नौशाद के मुताबिक, जीएसटी के पारित होने से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा
बेंगलूरु। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष नौशाद फोब्र्स ने बुधवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर को पारित करना राजनीतिक इच्छाशक्ति का मामला है। फोब्र्स ने सीआईआई के अध्यक्ष के रूप में बेंगलूरु के अपने पहले दौरे के दौरान कहा, जीएसटी को पारित करने में आ रही समस्या पूरी तरह राजनीतिक है। वास्तव में उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। अगर आपके पास जीएसटी को पारित कराने की इच्छाशक्ति है तो आप इसे तुरंत पारित कर सकते हैं।
फोब्र्स के मुताबिक, जीएसटी के पारित होने से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर में डेढ़ से लेकर दो फीसदी तक की वृद्धि होगी। जीडीपी में डेढ़ फीसदी की वृद्धि का मतलब यह है कि औसतन प्रत्येक परिवार सालाना 8,000 रुपये अधिक मिलेंगे। दो साल में यह 16,000 और तीन साल में 34,000 हो जाएगा।
उन्होंने कह कि सीआईआई ने अपनी स्थिति सरकार और विपक्ष दोनों के सामने स्पष्ट कर दी है। इस साल सामान्य मॉनसून की भविष्यवाणी में विश्वास जताते हुए सीआईआई अध्यक्ष ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में भारतीय अर्थव्यवस्था आठ फीसदी की दर से दुनिया की सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सीआईआई का जोर मानव विकास, कॉरपोरेट ईमानदारी और बेहतर नागरिक, व्यापार में आसानी, नवाचार और तकनीकी क्षमता, स्थिरता और वैश्विक एकीकरण जैसे प्रतिस्पर्धी कारकों के साथ राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता का निर्माण करना है।
सीआईआई इसके अलावा स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल हो रहा है। इसमें स्मार्ट सिटी पहल के सफल क्रियान्वयन के उद्देश्य से भुवनेश्वर, पुणे और जयपुर में 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
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