आमजन या अपराधी, कोई भी रख सकता है बुलेटप्रूफ गाड़ी
Published: May 26, 2015 09:32:00 am
आम-आदमी अपनी सुरक्षा के लिए रखे या अपराधी, पुलिस सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती
जयपुर। राजस्थान में बुलेटप्रूफ गाड़ी रखने को लेकर कोई मापदंड तय नहीं है। आम-आदमी अपनी सुरक्षा के लिए रखे या अपराधी। पुलिस सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। किसी अपराध में उपयोग लिए जाने पर अपराध की धारा में गाड़ी जब्त होती है। करीब ढाई माह पहले सीकर जिल में हिस्ट्रीशीटर सरपंच के पास बुलेटप्रूफ और बख्तरबंद गाड़ी मिलने के बाद पत्रिका ने पड़ताल की तो इसका खुलासा हुआ है। पूर्व पुलिस महानिदेशक ने भी ऑफ दा रिकार्ड स्वीकार किया है कि प्रदेश में बुलेट प्रुफ गाड़ी रखने को लेकर दिशा-निर्देश तय नहीं है। अन्य पुलिस अधिकारी खुलकर नहीं बोल रहे हैं। वर्तमान स्थिति यह है कि हिस्ट्रीशीटर सरपंच के पास मिली बुलेटप्रूफ और बख्तरबंद गाडियां अभी तक आम्र्स एक्ट में जब्त है। सीकर एसपी की ओर से दिशा-निर्देश के लिए लिखा गया पत्र अभी तक जवाब का इंतजार कर रहा है। सीकर पुलिस ने गत छह मार्च को खूड़ के हिस्ट्रीशीटर सरपंच रिछपाल फौजी को गिरफ्तार कर उसके पास से एक बुलेटप्रुफ व दूसरी बख्तरबंद गाड़ी जब्त की थी।
नहीं भेद सकती एके-47 राइफल
सीकर में जब्त की गई बुलेटप्रूफ गाड़ी की अभी तक पुलिस ने एफएसएल जांच तो नहीं करवाई है। लेकिन पुलिस के पास पेश किए गए पंजाब ट्रस्ट के दस्तावेजों के अनुसार इस गाड़ी को एके-47 की गोली कहीं से भी नहीं भेद सकती। दूसरी बख्तरबंद गाड़ी में सवार का बचाव तो है ही चारों तरफ से हमला किया जा सकता है। इस गाड़ी में राइफल से हमला करने के लिए बुलेटप्रूफ हॉल बनाए गए हैं। गाडियों के संबंध में पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की गाडियां प्रदेश की मुख्यमंत्री और डीजीपी के पास भी नहीं है।
क्या करेगी पुलिस
प्रदेश की पुलिस बुलेटप्रूफ और बख्तरबंद गाडियों में बैठकर आए अपराधियों से मुकाबले के लिए तैयार नहीं है। वीआईपी दौरे के बीच इस गाड़ी से घुसकर फायरिंग शुरू कर दी जाए तो पुलिस के पास बचाव के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता।
गाड़ी के स्वरूप में परिवर्तन गलत
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत गाड़ी के स्वरूप में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। बुलेटप्रुफ गाड़ी को लेकर अलग से कोई दिशा-निर्देश नहीं है। लेकिन गाड़ी के स्वरूप में परिवर्तन होता है तो कार्रवाई की जाती है। गाड़ी के किसी दूसरे प्रदेश में पंजीकृत होने रजिस्टे्रशन निरस्त करने का अधिकार उसी प्रदेश के परिवहन विभाग को होता है। यहां पर रजिस्ट्रेशन निलंबन तक की कार्रवाई की जा सकती है।