नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में डीजल एसयूवी गाडियों के रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक जल्द हट सकती है। हालांकि, इसके लिए कार ऑनर को वन टाइम एनवायरमेंट कंपनसेशन सेस (ग्रीन टैक्स) देना होगा। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर, जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम एसयूवी गाडियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक हटाने को तैयार है, लेकिन इसके लिए वन टाइम टैक्स देना होगा।
सुप्रीम कोर्ट की है रोक
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली 16 दिसंबर से 31 मार्च तक 2000 सीसी से अधिक पॉवर की स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल गाडियों के नई रजिस्ट्रेशन पर रोक लागा दी थी। इससे दिल्ली-एनसीआर में डीजल एसयूवी गाडियां जो 2000 सीसी से अधिक थी, उसकी बिक्री बंद है। कोर्ट ने बाद में इन गाडय़िों पर लगी पाबंदी को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया था।
विकल्प तलाश रहे हैं
ऑटो कंपनियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए गोपाल सुब्रमण्यम और गोपाल जैन समेत सीनियर वकीलों की टीम को जजों की बेंच ने कहा कि वे एसयूवी गाडियों पर ग्रीन टैक्स लगाने के विकल्प की तलाश करें। कोर्ट ने गाडय़िों की कीमत के हिसाब से सेस का अकलन करने को कहा। वकीलों के ग्रुप ने कहा कि इसका आकलन किया जा सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि ऑटो कंपनियां ग्रीन सेस के लिए हां कर देगी। इसके बाद फिर से एसयूवी गाडय़िों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा।
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