सरकार ने डीजल और पेट्रोल वाहनों में इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड किट लगाने संबंधी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने ऐसे वाहनों में इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड किट लगाने संबंधी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स, 1989 में संशोधन कर सेंट्रल मोटर व्हीकल्स (सातवां संशोधन) 2016 जारी किया गया है।
इन वाहनों में ही लगेगी किट
नए नियमों के तहत ऐसी किट उन्हीं वाहनों में लगाई जा सकेंगी जो पहले से उत्सर्जन नियमों का पालन करते होंगे और डीजल या पेट्रोल पर ही चलते हों। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक वाहनों में हाइब्रिड किट लगाने के लिए वाहन का वजन 3500 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए और यह वाहन उत्सर्जन संबंधी भारत स्टेज-दो और उसके बाद के मानकों को पूरा करते हों। नए नियम के तहत इसमें लगाई जाने वाली किट को पहले कहीं और इस्तेमाल न किया गया हो। इन निर्देशों में साफ किया गया है कि इलेक्ट्रिक किट को इनके आपूर्तिकर्ता या फिर निर्माताओं द्वारा आधिकारिक फिटिंग करने वाले केंद्र से ही लगवाना होगा।
भारत की ये कंपनी भी लाएगी बिना ड्राइवर चलने वाली कार
ऐसे वाहनोंमें लगेगी इलेक्ट्रिक किट
यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि यदि केवल पेट्रोल से चलने वाले वाहन का निर्माण 1 जनवरी 1990 या इसके बाद हुआ है तभी उसे इलेक्ट्रिक किट लगाकर बदला जा सकता है, और यह खतरनाक या नुकसानदायक सामान ले जाने वाले वाहनों के लिए लागू नहीं होगा। इन किटों के निर्माताओं या सप्लायरों को भी यह निर्देश जारी किए गए हैं कि वे निर्धारित परीक्षण केंद्रों से उचित सफल परीक्षण प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे और यह जारी करने की तिथि से तीन साल के लिए मान्य होगा।