लखनऊ। 15 साल की सुषमा वर्मा ने छोटी सी उम्र में पोस्ट ग्रेजुएशन कर नया मुकाम हासिल किया। वे देश की सबसे छोटी पोस्ट ग्रेजुएट है। अब सुषमा बाबासाहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) पर्यावरण माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी करने वाली है। उन्होंने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन भी यहीं से करते हुए टॉप किया था।
सुषमा ने पर्यावरण माइक्रोबायोलॉजी के यूनिवर्सिटी रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट में सातवां रैंक हासिल किया। पर्यावरण माइक्रोबायोलॉजी के एचओडी नवीन कुमार ने बताया कि पी एचडी की 4 सीट्स खाली हैं। जिसमें से 3 जनरल कैटगरी और एक रिजर्वड कैटेगरी की है। मुझे लगता है ये विशेष प्रावधान उसी के लिए होगा।
बीबीएयू के वाइस-चांसलर प्रोफेसर आरसी सोबती ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि यूनिवर्सिटी को निश्चित रूप से स्पेशल कैटेगरी में सुषमा को एडमिशन जरूर देना होगा। उसने 15 साल की छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। हम उसे स्पेशल कैटेगरी में एडमिशन देंगे। साथ ही हम उसे हॉस्टल और स्कॉलरशिप भी प्रदान करेंगे।
सुषमा का कहना है कि वे पर्यावरण माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी कर बहुत खुश होगी। आपको बता दें कि सुषमा के पिता तेज बहादुर इसी कॉलेज में दैनिक मजदूर पर काम करते हैं। सुषमा ने 13 साल की उम्र में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी की थी। 2007 में लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सुषमा का नाम दसवीं क्लास पास करने वाली सबसे छोटे स्टूडेंट के रूप में दर्ज किया था। उस वक्त सुषमा की उम्र 7 साल 3 महीने 28 दिन थी।