जयपुर। सोशल वर्क के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के
इच्छुक युवाओं के लिए देश में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों में
भी बेहतर क रियर के कई विकल्प मौजूद हैं। सोशल वर्क में ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी
स्तर तक के कोर्सेज भी मौजूद हैं। इसके अलावा कई देशी व विदेशी संस्थाएं सोशल वर्क
से जुड़े कोर्स या जॉब करने वालों को कई स्कॉलरशिप्स के अवसर प्रदान करती हैं। इतना
ही नहीं, थोड़ा अनुभव प्राप्त कर लेने के बाद लोग खुद के एनजीओ भी खोलते हैं। आप भी
सोशल वर्क के क्षेत्र में बना सकते हैं एक शानदार कॅरियर।
कई हैं
कोर्सेज
सोशल वर्क से जुड़े कोर्सेज करने के इच्छुक लोग अंडरगे्रजुएट स्तर पर भी
इसकी पढ़ाई कर सकते हैं और इससे जुड़े क्षेत्रों में शोध क रते हुए पीएचडी भी कर
सकते हैं। देश के जाने-माने विश्वविद्यालयों में सोशल वर्क से जुड़े जो कोर्सेज
कराए जाते हैं, वे इस प्रकार हैं- सर्टिफिकेट इन सोशल वर्क, बैचलर ऑफ सोशल वर्क,
मास्टर ऑफ सोशल वर्क, एमफिल इन सोशल वर्क, पीएचडी इन सोशल वर्क। इसके अलावा
स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण आदि से जुड़े कई नीति संबंधित कोर्सेज करके भी इस
फील्ड में आ सकते हैं। जैसे-जैसे सामाजिक विषयों के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़
रही है, वैसे-वैसे सोशल फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल्स की भी मांग तेजी से बढ़ रही है।
आप भी चाहें तो सोशल वर्क के क्षेत्र में एक बेहतर कॅ रियर तलाश सकते
हैं।
कई हैं संस्थान
सोशल वर्क से जुड़े इन कोर्सेज का संचालन देश के
जाने-माने संस्थानों में किया जाता है। इनमें से कई संस्थानों के नाम इस प्रकार
हैं- दिल्ली यूनिवर्सिटी, टाटा इंस्टीटयूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई, इग्नू, जामिया
मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, दिल्ली, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान, बीएचयू,
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, बैंगलोर यूनिवर्सिटी आदि। इनकी वेबसाइट पर
कोर्स की जानकारी है।
क्या है योग्यता
सोशल वर्क के कोर्सेज के स्तर के
अनुरूप इसके लिए योग्यता निर्घारित होती है। बीएसडब्ल्यू में प्रवेश के लिए बारहवीं
पास व्यक्ति आवेदन कर सकता है, जबकि एमएसडब्ल्यू के लिए आवेदक का ग्रेजुएट होना
जरूरी होता है। एमएसडब्ल्यू में बीएसडब्ल्यू या सोशल साइंसेज पढ़े लोगों को ज्यादा
तवज्जो मिल सकती है क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र की एक मूलभूत समझ तो होती ही है।
उच्चस्तरीय कोर्सेज में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम लिया जाता है। इसके बाद
गु्रप डिस्क शन और इंटरव्यू करवाया जाता है।
चयन का आधार
सोशल वर्क से
जुड़े कोर्सेज में चयन का प्रमुख आधार संस्थान द्वारा आयोजित किए जाने वाले
एंट्रेंस एग्जाम को बनाया जाता है। एंट्रेंस एग्जाम में लिखित परीक्षा, ग्रुप
डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू को शामिल किया जाता है। आम तौर पर लिखित परीक्षा के लिए
कोई सिलेबस विशेष नहीं होता और इसका आयोजन आवेदक की सामाजिक सेवा के प्रति अभिरूचि
के आकलन के लिए किया जाता है। आवेदक के कम्यूनिकेशन स्किल्स, एनालिटिकल एबिलिटी और
लैंग्वेज कॉम्प्रिहेंशन के साथ-साथ समाज के ज्वलंत मुद्दों पर उसकी समझ की परख इस
परीक्षा के माध्यम से की जाती है। प्रदर्शन के आधार पर प्रवेश के लिए मेरिट बनाई
जाती है।
विकल्पों की भरमार
सोशल वर्क से जुड़े कोर्सेज करने वाले लोगों
के पास सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़ने के भी
अवसर होते हैं। देश में संचालित स्वदेशी और विदेशी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से
जुड़कर ये लोग अपने पसंद के क्षेत्र में काम शुरू कर सक ते हैं। इसके अलावा संयुक्त
राष्ट्र की विभिन्न संस्थाओं के क ार्यालयों में और विभिन्न विदेशी फाउंडेशन्स में
भी सोशल वर्क के डिग्री होल्डर्स को नियुक्ति दी जाती है। इन संगठनों का काम गरीबी
उन्मूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, मानवाधिकार, पर्यावरण, महिला सशक्तिक रण आदि से जुड़ा
होता है। अनुभव हासिल करने के बाद अपना खुद का एनजीओ खोलने पर भी विचार किया जा
सकता है। वास्तव में रूचि होने पर ही सोशल वर्क में उतरने की सोचें।
कैसे
लें प्रवेश
एंट्रेंस एग्जाम की सूचना देश के प्रमुख अखबारों में प्रकाशित की
जाती है। इसके अलावा जिस यूनिवर्सिटी में आप प्रवेश लेना चाहते हैं, उसकी वेबसाइट
पर नियमित रूप से विजिट करते रहें। कुछ संस्थानों में प्रवेश मेरिट के आधार पर भी
दिया जाता है। इसके लिए आप संस्थान के प्रवेश के नियमों की विस्तृत जानकारी लेनी
होगी। एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए सिलेबस देख लें। जीडी के लिए अपनी जानकारी
अपडेट करते रहें।
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